मनाली में लगे 'कंगना गो बैक' के नारे, बारिश प्रभावित इलाके का दौरा करने गई थीं सांसद

हिमाचल प्रदेश के मनाली में आपदा प्रभावित पतलीकुहल क्षेत्र का दौरा करने पहुंचीं भाजपा सांसद कंगना रनौत को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने ‘कंगना वापस जाओ’ के नारे लगाए और काले झंडे दिखाए. भारी बारिश और बाढ़ से कुल्लू-मनाली में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है.

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मनाली के पतलीकुहल में कंगना को काले झंडे दिखाए गए (File Photo: PTI) मनाली के पतलीकुहल में कंगना को काले झंडे दिखाए गए (File Photo: PTI)

aajtak.in

  • शिमला,
  • 18 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:09 PM IST

हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत आज मनाली में बारिश प्रभावित इलाके पतलीकुहल का दौरा करने पहुंची थी. इस दौरान उन्हें लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. स्थानीय निवासियों ने 'कंगना वापस जाओ' के नारे लगाए. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में दिखा कि स्थानीय लोगों ने कंगना को काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ नारेबाजी की. 

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कंगना के साथ आए भाजपा नेताओं और अन्य लोगों ने स्थानीय निवासियों को शांत करने की कोशिश की, तो तीखी बहस भी हुई. इसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.

बता दें कि 25 और 26 अगस्त को भारी बारिश के कारण कुल्लू और मनाली में कई जगहों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ आ गई थी, इसके चलते ब्यास नदी की तेज़ धारा में एक बहुमंजिला होटल और 4 दुकानें बह गई थीं. 

ब्यास नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे और मनाली-लेह हाईवे के कई हिस्से बह गए थे. कुल्लू शहर, बस स्टैंड और बिंदु ढांक को जोड़ने वाली मनाली की राइट बैंक रोड को भी भारी नुकसान पहुंचा है.

इतना ही नहीं, कुल्लू के रामशेल क्षेत्र में एक घर क्षतिग्रस्त हो गया था, मनाली में कई घरों में पानी घुस गया और पतलीकुहल में नदी-नालों के उफान पर होने से एक मछली फार्म क्षतिग्रस्त हो गया.

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बता दें कि इससे पहले कंगना रनौत ने मनाली के सोलांग और पलचान के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, प्रभावित लोगों से बातचीत की और स्थिति का जायजा लिया. उन्हें मनाली से भाजपा नेता और पूर्व विधायक गोविंद सिंह ठाकुर और निवासियों ने बुनियादी ढांचे और अन्य नुकसान के बारे में जानकारी दी.
 

गोविंद सिंह ने कहा कि खतरे में पड़े 15-16 घरों के परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. उन्होंने कंगना को बताया कि पूरा सोलांग गांव भूस्खलन के कगार पर है, क्योंकि ब्यास नदी उस पहाड़ को काट रही है जिस पर यह गांव स्थित है. उन्होंने कहा कि पानी को चैनलाइज़ करके नदी के मार्ग को मोड़ना ही इसका उपाय है.

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