केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीमेंट पर टैक्स बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की आलोचना की. उन्होंने बुधवार को कहा कि जब देश जीएसटी बचत उत्सव मना रहा है, तब हिमाचल प्रदेश सरकार लोगों पर कर बोझ बढ़ा रही है. नड्डा ने शिमला में कहा कि केंद्र ने 90 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को या तो पूरी तरह समाप्त कर दिया है या 5 प्रतिशत तक कम कर दिया है.
उन्होंने बताया कि सीमेंट जैसी वस्तुओं पर टैक्स् 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे सीमेंट की एक बोरी की कीमत 30 रुपये तक कम हो गई है. लेकिन हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस लाभ को लोगों तक पहुंचाने के बजाय सीमेंट की कीमत बढ़ा रही है. जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि जीएसटी सुधारों की घोषणा के दिन से ही हिमाचल सरकार टैक्स लगाने की फिराक में है. राज्य सरकार ने एंटी-डंपिंग ड्यूटी के नाम पर 50 किलो की स्टैंडर्ड सीमेंट बोरी के दाम 16 रुपये तक बढ़ा दिए हैं. उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी लोगों को राहत दे रहे हैं, तब हिमाचल की कांग्रेस सरकार अपनी तिजोरी भरने में लगी है. उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार लोगों को लूट रही है.
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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति के लिए 100 रुपये का शुल्क लगाया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे राज्य में आर्थिक संकट के बीच सरकार का लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालना दुर्भाग्यपूर्ण है, जो इसकी असंवेदनशीलता को उजागर करता है. कांग्रेस सरकार की झूठी गारंटियां राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार चुकी हैं. उन्होंने कहा कि महंगाई की गर्मी महसूस कर रहे लोग कांग्रेस सरकार को सही समय पर सबक सिखाएंगे.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि झूठे वादों से राज्य की सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस सरकार 'वोट चोरी' की बात कर रही है, जो अजीब है. उन्होंने पूछा कि चुनावी गारंटियों से मुकर चुकी कांग्रेस सरकार लोगों के सामने कैसे खड़ी होगी. ठाकुर ने आरोप लगाया कि हर साल एक लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा करने वाली कांग्रेस ने अब तक राज्य में 1.5 लाख पद समाप्त कर 15,000 लोगों को बेरोजगार कर दिया है. हाल की प्राकृतिक आपदाओं में घर, खेत, बागान और पशुधन खो चुके लोग अब भी अंतरिम राहत का इंतजार कर रहे हैं और खुद के भरोसे हैं.
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