हरियाणा में प्रवासी मजदूरों की हिरासत पर हाईकोर्ट सख्त, SOP को लेकर जानकारी मांगी

जुलाई में गुरुग्राम में कई बंगाली भाषी लोगों को बांग्लादेशी प्रवासी समझकर हिरासत में लिया गया था, लेकिन दस्तावेज़ों की जांच में वे पश्चिम बंगाल और असम के भारतीय नागरिक निकले. इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. इस मामले में दाखिल याचिका में कहा गया है कि हरियाणा और पंजाब या तो कोई स्पष्ट सत्यापन प्रक्रिया नहीं अपनाते या फिर उसे खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं.

Advertisement
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रवासी मजदूरों की हिरासत पर सख्ती दिखाई है. (File photo) पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रवासी मजदूरों की हिरासत पर सख्ती दिखाई है. (File photo)

कमलजीत संधू / अमन भारद्वाज

  • चंडीगढ़ ,
  • 21 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि राज्य में प्रवासी मजदूरों को हिरासत में लेने के लिए क्या कोई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) है. ये सवाल हाल ही में हरियाणा पुलिस द्वारा कथित अवैध प्रवासियों पर की गई कार्रवाई के बाद उठा है.

जुलाई में गुरुग्राम में कई बंगाली भाषी लोगों को बांग्लादेशी प्रवासी समझकर हिरासत में लिया गया था, लेकिन दस्तावेज़ों की जांच में वे पश्चिम बंगाल और असम के भारतीय नागरिक निकले. इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. 

Advertisement

इस मामले में दाखिल याचिका में कहा गया है कि हरियाणा और पंजाब या तो कोई स्पष्ट सत्यापन प्रक्रिया नहीं अपनाते या फिर उसे खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. ये याचिका दिल्ली निवासी निर्मल गोराना ने दायर की है.

हरियाणा सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि मई 2025 में केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान और निर्वासन के लिए प्रत्येक जिले में विशेष टास्क फोर्स बनाने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि SOP गृह मंत्रालय (विदेशी शाखा) द्वारा तैयार की गई है और यह याचिकाकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह बताए कि यह प्रक्रिया सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है या नहीं. हरियाणा सरकार के वकील ने हिरासत का बचाव करते हुए कहा कि पुलिस केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार काम कर रही है.

हिरासत के दौरान अमानवीय परिस्थितियों में रखा

Advertisement

याचिकाकर्ता के वकील भवप्रीत सिंह धत्त ने आजतक को बताया कि गुरुग्राम में हिरासत में लिए गए एक हज़ार से अधिक मजदूरों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से कई के पास वैध दस्तावेज़ थे और कुछ पश्चिम बंगाल व असम से थे. बाद में दस्तावेज़ों की पुष्टि होने के बाद कई लोगों को रिहा कर दिया गया. लेकिन, हिरासत के दौरान उन्हें बाहरी दुनिया से संपर्क की अनुमति नहीं दी गई और अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया.

कब होगी अगली सुनवाई?

मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर 2025 को होगी, जिसमें हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को SOP पेश करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, याचिकाकर्ता को भी यह हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है कि वास्तव में SOP मौजूद नहीं है या प्रक्रिया का पालन नहीं हो रहा है.

घटनाक्रम की टाइमलाइन  

मई 2025: गृह मंत्रालय ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान और निर्वासन के लिए राज्यों को निर्देश जारी किए.

18 जुलाई 2025: गुरुग्राम के जिला मजिस्ट्रेट ने 4 सामुदायिक केंद्रों को विशेष हिरासत केंद्र घोषित किया.

जुलाई 2025: गुरुग्राम में प्रवासी मजदूरों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारी और हिरासत की खबरें आईं.

31 जुलाई 2025: याचिकाकर्ता ने अधिकारियों को ई-मेल के जरिए विस्तृत प्रतिवेदन भेजा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

Advertisement

6 अगस्त 2025: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल. 

15 सितंबर 2025: SOP पर अगली सुनवाई होगी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement