परिवार के इकलौते बेटे, 10 दिन पहले हुई सगाई, 4 दिन पहले ड्यूटी पर लौटे... जगुआर प्लेन क्रैश में शहीद पायलट के गांव में पसरा मातम

23 मार्च को ही सिद्धार्थ की सगाई हुई थी. इसके बाद पूरा परिवार सिद्धार्थ की शादी का इंतजार कर रहा था. 2 नवंबर को उनकी शादी तय हुई थी, लेकिन 2 अप्रैल की रात अनहोनी की सूचना आई और परिवार सहित पूरा रेवाड़ी गम में डूब गया.

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शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव (फाइल फोटो) शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव (फाइल फोटो)

देशराज सिंह चौहान

  • रेवाड़ी,
  • 03 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:23 AM IST

गुजरात के जामनगर में भारतीय वायुसेना के जगुआर लड़ाकू विमान क्रैश में रेवाड़ी के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए. 28 वर्षीय सिद्धार्थ की 23 मार्च को ही सगाई हुई थी. वह इकलौते बेटे थे. 31 मार्च को वह रेवाड़ी से छुट्टी पूरी कर जामनगर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे थे. रेवाड़ी में जब इस दुर्घटना की सूचना मिली तो शोक की लहर दौड़ गई. कल सुबह उनका पार्थिव शरीर रेवाड़ी के सेक्टर-18 में पहुंचने की उम्मीद है. इसके बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भालखी-माजरा ले जाया जाएगा, जहां पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के पिता सुशील यादव ने कहा कि 2 अप्रैल की रात सिद्धार्थ रुटीन सॉर्टी के लिए जगुआर विमान लेकर निकले थे. उनके साथ एक साथी भी थे. इसी दौरान जगुआर में कुछ तकनीकी खराबी आई. प्लेन की सेफ लैंडिंग की तमाम कोशिशें की गईं, लेकिन एक समय ऐसा आया, जब पता चल गया कि विमान क्रैश होना तय है, इसके बाद अपनी जान की परवाह किए बिना सिद्धार्थ ने साथी को सुरक्षित बाहर निकाला और विमान घनी आबादी में न गिरे, इसके प्रयास शुरू किए. वह विमान को खाली जगह में ले गए और वीरगति को प्राप्त हुए.

बता दें कि सिद्धार्थ के परदादा बंगाल इंजीनियर्स में कार्यरत थे, जो ब्रिटिशर्स के अधीन था. सिद्धार्थ के दादा पैरा मिलिट्री फोर्सेस में थे. सिद्धार्थ के पिता भी एयरफोर्स में रहे. वर्तमान में वह LIC में कार्यरत हैं. यह चौथी पीढ़ी है, जो सेना में सेवाएं दे रही थी. सिद्धार्थ ने 2016 में NDA की परीक्षा पास की थी. इसके बाद 3 साल का प्रशिक्षण लेकर उन्होंने बतौर फाइटर पायलट वायुसेना जॉइन की थी. उन्हें 2 साल बाद प्रोमोशन मिला था, जिससे वह फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए थे.

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23 मार्च को ही सिद्धार्थ की सगाई हुई थी. इसके बाद पूरा परिवार सिद्धार्थ की शादी का इंतजार कर रहा था. 2 नवंबर को उनकी शादी तय हुई थी, लेकिन 2 अप्रैल की रात अनहोनी की सूचना आई और परिवार सहित पूरा रेवाड़ी गम में डूब गया. शहीद सिद्धार्थ यादव के पिता सुशील यादव मूल रूप से रेवाड़ी के गांव भालखी माजरा के रहने वाले हैं. वह लंबे समय से रेवाड़ी में ही रह रहे हैं. बेटे की शादी से पहले उन्होंने सेक्टर-18 में घर बनाया है. इसी घर पर बेटे की शादी होनी थी. 

बता दें कि गुजरात के जामनगर में बुधवार रात करीब साढ़े 9 बजे एयरफोर्स का जगुआर फाइटर क्रैश हो गया था. प्लेन ने जामनगर एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरी थी. हादसे में पायलट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए, जबकि साथी मनोज कुमार सिंह को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

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