लाश का इलाज करता रहा अस्पताल, 14 लाख का बनाया बिल, परिजनों ने काटा बवाल

हरियाणा के सोनीपत में एक निजी अस्पताल पर लाश का इलाज करने का आरोप लगा है. मृतक के परिजनों का दावा है कि बिल बनाने के लिए अस्पताल शव का इलाज करता रहा. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें मरीज से एक बार भी मिलने नहीं दिया था.

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मरीज की मौत के बाद परिजनों ने काटा बवाल मरीज की मौत के बाद परिजनों ने काटा बवाल

पवन राठी

  • सोनीपत,
  • 17 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

हरियाणा के सोनीपत में एक अस्पताल पर गंभीर आरोप लगे हैं. मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने लाखों रुपये का बिल बनाने के लिए मौत के बाद भी मरीज का इलाज करता रहा.

अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मौत के बाद मृतक के परिवार के सदस्यों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर पर और भी कई आरोप लगाए हैं. परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनके मरीज की मौत हो चुकी थी और डॉक्टरों ने जानबूझकर उन्हें इलाज के लिए रखा और लाखों रुपये का बिल बना दिया. 

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मरीज की मौत के बाद डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा. इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों ने मीडिया के कैमरे से दूरी बना ली है.

बता दें कि सोनीपत के राई गांव में रहने वाले धर्मवीर के परिवार ने 10 दिन पहले धर्मवीर को हाई बीपी की शिकायत के बाद सोनीपत के फिम्स अस्पताल में दाखिल करवाया था. उसके बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनके दिमाग की नस फट चुकी है और वो लोग 4 लाख रुपये जमा करा दें, ऑपरेशन के बाद धर्मवीर भी ठीक हो जाएगा.

परिजनों को नहीं मिलने दिया गया मरीज से

परिजनों ने कहा कि इलाज के दौरान परिवार के किसी भी सदस्य को धर्मवीर से मिलने नहीं दिया गया और जब परिवार के सदस्यों को शक हुआ तो उन्होंने कहा कि उनके मरीज को कोई भी आराम नहीं हुआ है वह उसे रेफर कर दें.

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परिजनों के मुताबिक रेफर करने की बात पर डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनके मरीज की मौत हो चुकी है जिसके बाद परिवार के सदस्य और ग्रामीणों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा और सभी गेट को बंद कर दिया. लोग अस्पताल के मेन गेट के सामने धरने पर बैठ गए. परिवार के सदस्यों ने इसकी सूचना पुलिस को दी.

परिवार के सदस्यों का आरोप है कि 10 दिन पहले जब धर्मवीर को अस्पताल में दाखिल करवाया गया तो डॉक्टरों ने कोई जानकारी नहीं दी थी. फिर बाद में जानकारी दी कि उनके दिमाग की नस फट चुकी है और ऑपरेशन करना बहुत जरूरी है जिसके बाद ऑपरेशन करवाया गया.

परिजनों ने कहा, हम जब भी मिलने के लिए जाते थे तो हमें मिलने नहीं दिया जाता था. परिवार का आरोप है कि उनके मरीज की पहले ही मौत हो चुकी थी और जानबूझकर डॉक्टरों ने मृतक का इलाज किया, ताकि वह लाखों रुपए का बिल बना सकें और 10 दिन का बिल उन्होंने 14 लाख रुपए तक पहुंचा दिया. परिजनों ने कहा, एक गरीब परिवार इतना बड़ा बिल कहां से देगा.


 

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