हरियाणा के करनाल में पराली जलाने के मामले में तीन किसानों पर कार्रवाई की गई है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने पराली जलाने के आरोप में तीन किसानों पर एफआईआर दर्ज की है. उन पर 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है और 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर 'रेड एंट्री' भी कर दी गई है. इस कार्रवाई के बाद ये किसान अगले दो सीजन तक एमएसपी पर अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे.
तीनों किसान घरौंडा ब्लॉक से हैं. इन पर वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 39 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 223(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस साल प्रशासन ने शून्य पराली जलाने का लक्ष्य रखा है.
2024 के गजट के मुताबिक, जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है. 2 एकड़ तक के लिए ₹5,000, पांच एकड़ तक के लिए ₹10,000 और 5 एकड़ से अधिक के लिए ₹30,000 का जुर्माना तय किया गया है.
सब्सिडी वाली मशीनें और मदद
पराली प्रबंधन के लिए किसानों को कृषि मशीनरी जैसे सुपर एसएमएस, बेलर, हैप्पी सीडर और मल्चर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए प्रति एकड़ ₹1,200 का प्रोत्साहन भी मिलता है. इस साल 1,904 किसानों ने 3,509 मशीनों के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. 3 सितंबर, 2025 को हुए ड्रॉ में 1,110 किसानों का चयन किया गया, जबकि सभी अनुसूचित जाति के आवेदकों को सफल घोषित किया गया है.
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सरकार की कोशिश और किसान का पक्ष...
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हिसार में 2025 कृषि मेले में बताया कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए एक लाख से ज्यादा मशीनें दी गई हैं. इन कोशिशों से 2016 की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 90 फीसदी की कमी आई है. वहीं, एफआईआर में दर्ज किसान जसमेर सिंह ने दावा किया कि आग गलती से लगी थी, जबकि मजदूर खेत में चाय बना रहे थे. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के आने पर वह आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे.
अमन भारद्वाज