राजकोट से साइबर फ्रॉड का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर एक कारोबारी से शेयर बाजार में निवेश के नाम पर 2 महीने के दौरान 26 करोड़ की धोखाधड़ी हुई थी. इस मामले में पुलिस ने शिकायत के बाद सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल, गांधीनगर साइबर सेन्टर ऑफ एक्सलन्स (Center of Excellence - CoE) में कुछ दिन पहले शिकायत दर्ज हुई थी कि राजकोट में रहने वाले एक कारोबारी से निवेश के नाम पर 26.66 करोड़ रुपये की ठगी की गई. साइबर सेन्टर ऑफ एक्सलन्स की टीम ने जांच की तो पता चला कि आरोपियों ने 'फाइनल-2' नाम के एक फर्जी वेबपेज का लिंक बनाया था.
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फर्जी वेबपेज बनाकर ऐसे की ठगी
इस लिंक के ज़रिए कारोबारी से शुरुआत में 500 डॉलर निवेश करने को कहा गया और उसके बदले वर्चुअल मुनाफा दिखाकर उसका विश्वास जीत लिया गया. बाद में अलग-अलग समय में कुल 26.66 करोड़ रुपये वसूले गए. साइबर सेन्टर ऑफ एक्सलन्स की टीम ने राजकोट से 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
साइबर पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गिरोह ने पहले कारोबारी से व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया. फिर शेयर बाजार में निवेश करने वाली एक कंपनी के नाम से फर्जी वेबपेज बनाकर कारोबारी को भेजा गया. कारोबारी को रजिस्टर्ड कर ठगी के जाल में फंसा लिया गया. आरोपियों ने कारोबारी को अलग-अलग बैंक अकाउंट नंबर देकर 500 डॉलर का शुरुआती निवेश कराया और वर्चुअल वॉलेट में 101 डॉलर का मुनाफा दिखाकर 43 हजार रुपये की निकासी भी कर ली.
जिससे कारोबारी जालसाजों के विश्वास में आ गया. बाद में अगस्त से अक्टूबर के बीच व्यापारी से 26.66 करोड़ रुपये हड़प लिए गए. पुलिस को शिकायत मिलने के बाद तुरंत ही 4 करोड़ रुपए जो बैंक में थे उसे फ्रीज करके बचाया गया. ठगी की रकम गिरोह के खाते में आने के बाद उसे एटीएम और चेक के जरिए निकालकर साइबर माफिया तक पहुंचा दिया जाता था.
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गिरफ्तार आरोपियों में बैंक कर्मचारी भी शामिल
शिकायत दर्ज होने के कुछ ही दिनों के अंदर 7 आरोपियों को पकड़ लिया गया. पुलिस ने इनके पास से 8 मोबाइल फोन, 6 डेबिट कार्ड, 2 चेक बुक, 2 पासबुक और 1 सिम कार्ड जब्त किया है. गिरफ्तार आरोपियों में से एक बैंक कर्मचारी है, जो बिना किसी प्रूफ के साइबर माफिया के लिए बैंक खाते खोल रहा था.
इसके अलावा यह भी पता चला है कि वह धोखाधड़ी के पैसे निकालने और उन्हें साइबर माफिया तक पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया में शामिल था. पुलिस ने सभी आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि आगे की जांच करके पता लगाया जा सके कि उन्होंने देश भर में कितने खाते खोले हैं और वे और किन गिरोहों से जुड़े हैं.
ब्रिजेश दोशी