गुजरात: गंभीरा पुल हादसे में ACB ने शुरू की जांच, सस्पेंड किए गए चार इंजीनियर्स पर गिरी गाज

गुजरात के गंभीरा ब्रिज हादसे में 21 लोगों की मौत के बाद सरकार ने रोड एंड बिल्डिंग विभाग के 4 अधिकारियों को सस्पेंड किया था. अब एसीबी ने इनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है. एक विशेष एसआईटी गठित की गई है जो सत्ता के दुरुपयोग और अवैद्य संपत्ति की जांच करेगी.

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ब्रिज हादसे के बाद चार इंजीनियर सस्पेंड कर दिए गए थे. (File Photo: Reuters) ब्रिज हादसे के बाद चार इंजीनियर सस्पेंड कर दिए गए थे. (File Photo: Reuters)

अतुल तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 4:50 AM IST

गुजरात के वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ने वाले गंभीरा ब्रिज हादसे में 21 लोगों की जान जाने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं. इस हादसे के बाद राज्य सरकार ने रोड एंड बिल्डिंग (R&B) विभाग के चार अधिकारियों को प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया था. अब सरकार ने इन चारों के खिलाफ जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को सौंप दी है.

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गुजरात एसीबी ने इस मामले में एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) का गठन किया है. इस टीम में डीआईजी मकरंद चौहान के नेतृत्व में एक एसपी और चार इंस्पेक्टर शामिल हैं. यह टीम सस्पेंड किए गए अधिकारियों के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग और उनके द्वारा एकत्र की गई अवैद्य संपत्तियों की जांच करेगी. SIT ने शुक्रवार से ही जांच की शुरुआत कर दी है.

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जिन अधिकारियों के खिलाफ जांच हो रही है, उनमें रोड एंड बिल्डिंग विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एनएम नायकावाला, डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर यूसी पटेल, डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरटी पटेल और असिस्टेंट इंजीनियर जेवी शाह शामिल हैं. SIT टीम इन अधिकारियों के घरों पर छापेमारी कर आवश्यक डॉक्यूमेंट और अन्य साक्ष्य एकत्र करेगी.

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मॉनसून से पहले तैयार की जाती है टेक्निकल जांच कर रिपोर्ट

गुजरात एसीबी के डीवायएसपी जेवी पढ़ेरिया ने बताया कि नियमों के अनुसार, मॉनसून सीजन शुरू होने से पहले सभी पुलों की टेक्निकल जांच कर रिपोर्ट तैयार करनी होती है. अगर ब्रिज में कोई कमी पाई जाती है तो उसकी मरम्मत, भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक या फिर ब्रिज को बंद करने जैसे कदम उठाने होते हैं.

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गंभीरा ब्रिज की नहीं बनाई गई रिपोर्ट, हादसे में गई थी 21 लोगों की जान

गंभीरा ब्रिज के मामले में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया. ब्रिज को सभी प्रकार के वाहनों के लिए खुला रखा गया. इसी लापरवाही के चलते ब्रिज टूट गया और कई वाहन महीसागर नदी में गिर गए, जिससे 21 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे को लेकर एक तरफ जिला पुलिस हादसे की आपराधिक जांच कर रही है, वहीं अब एसीबी की SIT टीम भ्रष्टाचार और संपत्ति से जुड़े पहलुओं की गहराई से जांच करेगी. 

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