गुजरात: हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए अब कोविड पॉजिटिव सर्टिफिकेट जरूरी नहीं

गुजरात के हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए अब कोविड पॉजिटिव सर्टिफिकेट जरूरी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात सरकार ने हॉस्पिटल में मरीजों के एडमिट करने के नियम में बदलाव किया है.

Advertisement
सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST
  • SC के आदेश के बाद हरकत में गुजरात सरकार
  • बदला पुराना आदेश, अब मरीजों को करना होगा एडमिट

गुजरात के हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए अब कोविड पॉजिटिव सर्टिफिकेट जरूरी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात सरकार ने हॉस्पिटल में मरीजों के एडमिट करने के नियम में बदलाव किया है. आपको बता दें कि पिछले 24 घंटे में गुजरात में 12 हजार से अधिक नए मामले आए हैं और अब तक 8 हजार से अधिक मौते हो चुकी हैं.

Advertisement

महामारी अधिनयम के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव एसएन गोसाई ने 6 मई को एक आदेश जारी किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश का जिक्र करते हुए अस्पतालों में कोविड -19 रोगियों के प्रवेश के लिए पूरे राज्य में एक समान नीति का ऐलान किया गया.

आदेश में कहा गया कि अब हॉस्पिटल में एडमिट होने के लिए कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट जरूरी नहीं है, लक्षणों वाले संदिग्ध मरीजों को भी हॉस्पिटल में एडमिट किया जाएगा और उनका इलाज होगा. इस आदेश में कहा गया कि सभी मरीजों, चाहे वह किसी एम्बुलेंस या निजी वाहन में आ रहे हों, उन्हें अस्पतालों में भर्ती किया जाना चाहिए.

इसके साथ ही गुजरात सरकार ने कहा कि किसी दूसरे शहर के मरीज को एडमिट किया जाएगा और दवाएं और ऑक्सीजन सभी जरूरतमंद रोगियों को उपलब्ध कराया जाए. इसके साथ ही गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की अगुवाई वाली कमेटी ने फैसला लिया कि हर किसी विधायक को अपनी निधि से कम से कम 50 लाख कोविड में आवंटित करने होंगे.

Advertisement

इस बीच, राज्य स्तर पर एक मुख्य समिति की बैठक में, मुख्यमंत्री विजय रूपानी की अध्यक्षता में, यह निर्णय लिया गया कि राज्य में विधायकों को अपने विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास (एलएडी) सेसिड की खरीद के लिए न्यूनतम 50 लाख रुपये आवंटित करने होंगे. इन पैसों से मेडिकल संसाधन जुटाए जाएंगे.

यह फैसला उस वक्त हुआ, जब 65 कांग्रेसी और एक निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करके अपनी पूरी विधायक निधि (1.5 करोड़) कोरोना के खिलाफ जंग में लगाने का आदेश देने की मांग की थी. इससे पहले सरकार ने 25 लाख रुपये ही कोरोना के लिए आवंटित करने का आदेश दिया था.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement