गुजरात ATS ने आतंकवादी जीशान अली के घर से सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल जब्त की, UAPA के तहत केस दर्ज

गुजरात ATS ने अलकायदा समर्थित आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करते हुए नोएडा निवासी जीशान अली के घर से एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. यह कार्रवाई 22 जुलाई को गिरफ्तार किए गए चार आतंकियों की पूछताछ के बाद सामने आई है. जीशान अली के अलावा फरदीन शेख, सैफुल्लाह कुरैशी और मोहम्मद फैक को भी गिरफ्तार किया गया था.

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जीशान अली के घर से सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल जब्त. (Photo: Brijesh Doshi/ITG) जीशान अली के घर से सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल जब्त. (Photo: Brijesh Doshi/ITG)

ब्रिजेश दोशी

  • अहमदाबाद,
  • 05 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST

अलकायदा समर्थक आतंकी मॉड्यूल के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार किए गए आरोपी जीशान अली के घर से एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और तीन ज़िंदा कारतूस जब्त किए हैं. यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश के नोएडा में उसके आवास पर तलाशी के दौरान की गई. जीशान अली को 22 जुलाई को गुजरात एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. उसके साथ फरदीन शेख, सैफुल्लाह कुरैशी और मोहम्मद फैक को भी हिरासत में लिया गया था.

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दरअसल, गिरफ्तार सभी चार आरोपी कथित रूप से 'गजवा-ए-हिंद' के नाम पर अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) की गतिविधियों को सोशल मीडिया पर प्रचारित कर रहे थे. ये आतंकी संगठन भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म कर इस्लामी शरिया आधारित शासन लागू करने की साजिश रच रहे थे. 

यह भी पढ़ें: अलकायदा की महिला आतंकी शमा परवीन बेंगलुरु से गिरफ्तार, गुजरात एटीएस का बड़ा एक्शन

ये सोशल मीडिया के जरिए भारतीय मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर आकर्षित कर रहे थे और हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे थे. पूछताछ के दौरान जीशान अली ने खुलासा किया था कि उसके पास हथियार है, जिसका उल्लेख उसने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भी किया था. इसी आधार पर एटीएस की टीम ने उसके घर की तलाशी ली और हथियार बरामद किए.

इस आतंकी मॉड्यूल की मास्टरमाइंड शमा परवीन को 27 जुलाई को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. अब तक की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि पूरा नेटवर्क सुनियोजित तरीके से देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा था. पुलिस ने यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसियां अब अन्य संभावित संपर्कों और नेटवर्क का पता लगाने में जुट गई हैं.

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