क्रैश हुए एअर इंडिया विमान का Black box भेजा जाएगा अमेरिका, इस वजह से भारत में डेटा निकाल पाना नामुमकिन

ब्लैक बॉक्स को अब अमेरिका NTSB की प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए ले जाया जाएगा. भारतीय अधिकारियों की देखरेख में पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी ताकि जांच में पारदर्शिता बनी रहे और सभी अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन हो. इस जांच प्रक्रिया में ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB-UK) के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे, क्योंकि हादसे में 53 ब्रिटिश नागरिकों की जान गई है.

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अहमदाबाद में क्रैश हुए Air India विमान का ब्लैक बॉक्स अमेरिका भेजा जाएगा अहमदाबाद में क्रैश हुए Air India विमान का ब्लैक बॉक्स अमेरिका भेजा जाएगा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2025,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

अहमदाबाद में 12 जून को क्रैश हुए एअर इंडिया के विमान का ब्लैक बॉक्स अब अमेरिका भेजा जाएगा. ब्लैक बॉक्स में मौजूद डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) को वाशिंगटन स्थित नेशनल सेफ्टी ट्रांसपोर्ट बोर्ड (NTSB) की लैब में विश्लेषण के लिए खोला जाएगा. उसकी रिकवरी भारत में संभव नहीं है.

बताया गया है कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि रिकॉर्डर को गंभीर बाहरी नुकसान पहुंचा है, जिससे भारत में उसका डेटा निकालना असंभव हो गया है. भले ही भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने दिल्ली मुख्यालय में एक विशेष प्रयोगशाला की स्थापना की है, लेकिन इतनी अधिक क्षति वाले ब्लैक बॉक्स से डेटा रीकवर करने की तकनीक फिलहाल भारत के पास नहीं है.

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ब्लैक बॉक्स को अब अमेरिका NTSB की प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए ले जाया जाएगा. भारतीय अधिकारियों की देखरेख में पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी ताकि जांच में पारदर्शिता बनी रहे और सभी अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन हो. इस जांच प्रक्रिया में ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB-UK) के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे, क्योंकि हादसे में 53 ब्रिटिश नागरिकों की जान गई है.

जानकारी के मुताबिक ब्लैक बॉक्स को हुए नुकसान के कारण अब चिप को सावधानीपूर्वक मेमोरी बोर्ड से अलग किया जाएगा, ताकि डेटा को और अधिक क्षति न पहुंचे. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सर्किट की स्थिति की भी जांच की जाएगी कि कहीं वह भी क्षतिग्रस्त तो नहीं हुआ.

जांच के केंद्र में कई सवाल

दरअसल, जांचकर्ता कई तकनीकी बिंदुओं पर गहराई से जांच कर रहे हैं, जैसे कि क्या दुर्घटना के समय विमान के पंखों के फ्लैप पूरी तरह और सही समय पर फैले थे? क्या लैंडिंग गियर समय से पहले खुल गया था? क्या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में कोई खराबी आई थी? क्या इंजन बंद होने के पीछे ईंधन में मिलावट की आशंका है? इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच आगे बढ़ रही है.

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गौरतलब है कि बोइंग 787 विमान को कई रिडंडेंसी सिस्टम्स (दोहरे सुरक्षा सिस्टम) से लैस किया गया है ताकि किसी एक सिस्टम के फेल होने पर दूसरा काम करता रहे. इस विमान को एक इंजन के सहारे भी 345 मिनट तक उड़ान भरने की क्षमता होती है.

केवल एक ‘Mayday’ कॉल, फिर चुप्पी

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने बताया कि पायलट की ओर से हादसे से ठीक पहले केवल एक Mayday कॉल किया गया था, जो उसका आखिरी रेडियो मैसेज था. इसके बाद वह एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के किसी भी संपर्क में नहीं आया. अब तक एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने औपचारिक रूप से जांच पैनल का गठन नहीं किया है. नियमानुसार AAIB के पास हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक महीने का समय है.

अहमदाबाद में प्लेन क्रैश में गई 270 लोगों की जान

बता दें कि अहमदाबाद में गत गुरुवार दोपहर हुआ प्लेन क्रैश बोइंग कंपनी के 787 ड्रीमलाइनर विमान से जुड़ी सबसे भयावह दुर्घटनाओं में से एक है. अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग का यह सबसे आधुनिक वाइडबॉडी एयरलाइनर है. एअर इंडिया का यह विमान सिर्फ 12 साल पुराना था और दुर्घटना से कुछ घंटे पहले ही दिल्ली से यात्रियों को लेकर अहमदाबाद पहुंचा था. इसमें 242 लोग सवार थे.

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अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे नंबर 23 से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद, यह तेजी से नीचे की ओर गिरने लगा और एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद विशाल आग के गोले में तब्दील हो गया. इस हादसे में 270 लोगों की मौत हो गई. इनमें उस इमारत में मौजूद लोग भी शामिल हैं, जिससे ये विमान टकराया.

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