अहमदाबाद साइबर क्राइम ने 'ठकरार गैंग' पर कसा शिकंजा, पहली बार गुजसिटोक के तहत कार्रवाई

अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने करोड़ों की साइबर ठगी में शामिल ठकरार गैंग के 7 सदस्यों के खिलाफ पहली बार गुजसिटोक कानून के तहत मामला दर्ज किया है. दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि दुबई में रहने वाले आरोपी मिलन को एब्सकॉन घोषित किया गया है. अब तक 300 करोड़ रुपये के क्रिप्टो ट्रांजेक्शन सामने आए हैं, जिनमें 16.4 करोड़ रुपये फ्रॉड के हैं.

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साइबर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार (File Photo: Atul Tiwari/ITG) साइबर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार (File Photo: Atul Tiwari/ITG)

अतुल तिवारी

  • अहमदाबाद,
  • 19 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने करोड़ों रुपये के क्रिप्टो करेंसी घोटाले में संलिप्त ठकरार गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. पहली बार गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (गुजसिटोक) के तहत 7 साइबर ठगों पर मामला दर्ज किया गया है. इनमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दुबई में रहने वाले आरोपी मिलन को एब्सकॉन घोषित किया गया है.

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गुजसिटोक के तहत कार्रवाई का सामना कर रहे आरोपियों में सावन ठकरार, धवन ठकरार, गोविंद रावल, ब्रिजराजसिंह गढ़वी, केवल गढ़वी, हसमुख पटेल और दुबई का मिलन शामिल .। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों के बैंक खातों से 300 करोड़ रुपये के क्रिप्टो ट्रांजेक्शन हुए हैं, जिनमें से 16.4 करोड़ रुपये ठगी से जुड़े हैं. इन पर अलग-अलग राज्यों में अब तक 404 ऑनलाइन शिकायतें दर्ज हैं.

करोड़ों रुपये के क्रिप्टो करेंसी घोटाले का भंडाफोड़

जेसीपी शरद सिंघल ने बताया कि यह गैंग म्यांमार और कंबोडिया से सक्रिय चीनी गैंग के लिए काम करता था. साइबर ठगी से मिले पैसों को कैश में बदलकर क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट किया जाता था और फिर विदेशी खातों में भेजा जाता था। अहमदाबाद के आंबावाड़ी स्थित धवल ठकरार के ऑफिस से इस काम को अंजाम दिया जाता था. पुलिस ने छापेमारी में पासबुक, चेकबुक, डेबिट कार्ड, मोबाइल, कैश कार्ड, कैश काउंटिंग मशीन और 37.57 लाख रुपये जब्त किए हैं.

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पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार 

पुलिस का कहना है कि पहले साइबर अपराधों में आरोपी जमानत लेकर दोबारा ठगी शुरू कर देते थे, लेकिन अब गुजसिटोक के तहत सख्त कार्रवाई से उन पर लगाम कसी जाएगी. इस कानून में पांच साल तक की सजा का प्रावधान है और केस विशेष कोर्ट में चलता है.
 

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