दिल्ली सरकार ने राजधानी में साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक भव्य तीन दिवसीय साहित्य उत्सव “शब्द उत्सव” का आयोजन करने का निर्णय लिया है. इस उत्सव का आयोजन मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में किया जाएगा. यह पहल साहित्य को प्रमुखता देने के साथ-साथ समाज को जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
“शब्द उत्सव” केवल साहित्य तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसमें कविता, कहानी, गीत, संगीत और विचार विमर्श जैसे तमाम कार्यक्रम शामिल होंगे. इस आयोजन में देश के नामचीन साहित्यकार, कवि, लेखक, और प्रसिद्ध गायक हिस्सा लेंगे. दिल्ली सरकार चाहती है कि यह उत्सव साहित्य की विभिन्न विधाओं और भाषाओं को एक मंच पर लाए, जिससे देश की सांस्कृतिक विविधता उजागर हो सके.
इस साहित्य उत्सव का एक खास आकर्षण होगा Gen Z यानी नई पीढ़ी पर फोकस. इसके तहत युवाओं के लिए विशिष्ट सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें डिजिटल युग में साहित्य की भूमिका, सोशल मीडिया का प्रभाव तथा युवा लेखन जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा होगी. सरकार का उद्देश्य युवाओं को साहित्य से जोड़ना और उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहित करना है.
मंत्री कपिल मिश्रा ने क्या कहा?
दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि दिल्ली सरकार, उसके कला और संस्कृति विभाग के सहयोग से सुरुचि प्रकाशन देश के सबसे बड़े साहित्य और सांस्कृतिक महोत्सव "दिल्ली शब्दोत्सव" का आयोजन करेगी. यह भव्य आयोजन 3 और 4 जनवरी को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में होगा.
मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि इस महोत्सव में 100 से अधिक प्रतिष्ठित वक्ता भाग लेंगे, जिनमें देश के गृहमंत्री अजीत डोवल, जाने-माने साहित्यकार सुनील अंबेकर, मनमोहन वैद्य और सचिदानंद जोशी जैसे प्रमुख हस्तियां शामिल हैं. इसके साथ ही 40 से ज्यादा नई पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता महोत्सव का उद्घाटन करेंगी. इसके साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा भी इस प्रतिष्ठित आयोजन में शामिल होंगे.
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हर साल होगा आयोजन, एंट्री फ्री
दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि “शब्द उत्सव” को वार्षिक आयोजन के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिससे दिल्ली को देश की साहित्यिक राजधानी के रूप में मान्यता मिल सके. साथ ही, इस उत्सव में आम जनता के लिए प्रवेश पूरी तरह से निःशुल्क रखा जाएगा ताकि हर वर्ग के लोग इस सांस्कृतिक आनंद का हिस्सा बन सकें.
“शब्द उत्सव” न केवल साहित्यकारों को मंच देगा, बल्कि युवाओं और आम नागरिकों को भी रचनात्मकता और विचारों के माध्यम से एक साथ जोड़ने का बलशाली माध्यम साबित होगा. यह आयोजन दिल्ली की सांस्कृतिक पहचान को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का एक सुनहरा अवसर है.
सुशांत मेहरा