स्पीड ब्रेकर बनना चाहते हैं या सुपरफास्ट हाईवे ये आपकी मर्जी, ट्रेनी IAS से बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों आईएएस 2022 बैच के 181 ट्रेनी ऑफिसर्स से बातचीत की. पीएम ने कहा कि सिचुएशन अप्रोच सामाजिक न्याय सुनिश्चित करता है और भेदभाव को रोकता है. अब ये उनकी मर्जी है कि वह सर्विस डिलीवरी में स्पीड ब्रेकर बनना चाहते हैं या सुपरफास्ट हाईवे.

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PM नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो) PM नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)

पीयूष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:57 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में आईएएस 2022 बैच के 181 ट्रेनी ऑफिसर्स से बातचीत की. इन सभी ट्रेनी अधिकारियों को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है.

पीएम मोदी से बातचीत के दौरान सभी अधिकारियों ने अपनी ट्रेनिंग के दौरान का अपना एक्सपीरियंस साझा किया. प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से बातचीत के दौरान साल 2022 में आरंभ कार्यक्रम में हुई अपनी बातचीत को याद किया. पीएम ने इस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि इस बातचीत के पीछे का इरादा प्रशासनिक पिरामिड के ऊपर से नीचे तक युवा अधिकारियों को अनुभवात्मक गुर सीखने का मौका देना था.

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पीएम ने सीखाए ट्रेनी अधिकारियों को गुर

पीएम ने कार्यक्रम में कहा कि न्यू इंडिया सुस्त रवैए से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने इसमें प्रोएक्टिवनेस की मांग की और उन्होंने बेहतर शासन के लिए विनिर्माण की गुणवत्ता और सभी नागरिकों को जीवन की गुणवत्ता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए.
पीएम ने लखपति दीदी, ड्रोन दीदी, पीएम आवास योजना जैसी योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि इन सभी को इन योजनाओं का लोगों तक पहुंचाने के लिए परिपूर्ण दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए. सिचुएशन अप्रोच सामाजिक न्याय सुनिश्चित करता है और भेदभाव को रोकता है. अब ये उनकी मर्जी है कि वह सर्विस डिलीवरी में स्पीड ब्रेकर बनना चाहते हैं या सुपरफास्ट हाईवे.

नेशन फस्ट नारा नहीं: PM मोदी

उन्होंने कहा कि उन्हें उत्प्रेरक एजेंट बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए और जब वे अपनी आंखों के सामने बदलाव होते देखेंगे तो उन्हें संतुष्टि महसूस होगी. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नेशन फास्ट सिर्फ नारा नहीं, बल्कि उनके जीवन का लक्ष्य है और उन्होंने अधिकारियों से इस जर्नी में उनके साथ चलने का अनुरोध किया है. आप लोगों को IAS के लिए चुने जाने के बाद जो प्रशंसा मिली थी, वह अब अतीत की बातें हैं और उन्हें अतीत में रहने के बजाय भविष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए.

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