दिल्ली में हिडमा के पक्ष में नारेबाजी करने वालों के खिलाफ अब एक्शन टाइम... दो FIR, 23 गिरफ्तार

दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रदूषण संकट के खिलाफ हुए प्रदर्शन में अचानक नक्सल कमांडर हिडमा के पोस्टर दिखने से विवाद बढ़ गया. पुलिस ने दो थानों में FIR दर्ज कर 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दो थानों में एफआईआर दर्ज की गई हैं.

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इंडिया गेट पर प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में नक्सली हिडमा के नाम के नारे लगे. (Photo Screengrab) इंडिया गेट पर प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में नक्सली हिडमा के नाम के नारे लगे. (Photo Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST

दिल्ली के इंडिया गेट पर रविवार शाम वायु प्रदूषण के खिलाफ चल रहे एक प्रदर्शन ने उस समय बड़ा विवाद खड़ा कर दिया, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के पोस्टर और नारे लगा दिए. हिडमा की हाल ही में आंध्र प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ में मौत हुई थी. यह मामला तेजी से बढ़ा और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी. अब तक 23 लोग गिरफ्तार किए गए हैं जिन्हें दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा रहा है.

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दिल्ली पुलिस के अनुसार, हिंसा और अवैध विरोध के आरोप में दो अलग-अलग थानों में FIR दर्ज की गई है. कर्तव्यपथ पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में छह पुरुष प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. उन पर IPC की धाराएं 74, 79, 105(2), 132, 221, 223 और 6(2) के तहत कार्रवाई की गई है.

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प्रदूषण के खिलाफ रविवार शाम को इंडिया गेट पर युवाओं ने प्रदर्शन किया. (Photo- PTI)

 

दूसरी FIR पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना में दर्ज की गई, जिसमें 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनके खिलाफ धाराएं 223A, 132, 221, 121A, 126(2) और 3(5) लगाई गई हैं. कुल मिलाकर 23 लोगों को मामले में गिरफ्तार किया गया है.

प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन से कैसे हुआ विवाद?

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विवाद तब बढ़ा जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें प्रदर्शनकारी इंडिया गेट के C-हेक्सागन क्षेत्र में बैठे दिखे. उनमें से एक प्रदर्शनकारी हाथ में माडवी हिडमा का स्केच वाला पोस्टर लिए हुए था. इस दौरान "कितने हिडमा मारोगे", "हर घर से निकलेगा हिडमा" और "अमर रहे हिडमा" जैसे नारे भी लगाए गए.

पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारी ट्रैफिक रोकने की कोशिश कर रहे थे और उन्हें हटाने गई पुलिस टीम पर कुछ लोगों ने पेपर स्प्रे भी किया. इसके बाद उन्हें हटाया गया, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दिल्ली में किसी भी प्रदर्शन की अधिकृत जगह जंतर मंतर है, इंडिया गेट नहीं.

दूसरी ओर, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे केवल दिल्ली की जहरीली हवा के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हिडमा एक आदिवासी था जो अपने अधिकारों के लिए लड़ा. तरीके पर असहमति हो सकती है, लेकिन उसके संघर्ष को नकारा नहीं जा सकता." हालांकि यह बयान भी विवाद को और बढ़ाता दिखा.

प्रदूषण के नाम पर नक्सल आंदोलन को बढ़ावा देने की कोशिश

दिल्ली के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने पुलिस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि यह "ऐसी विचारधारा के खिलाफ उचित जवाब" है. उन्होंने प्रदर्शन में हिडमा के पोस्टरों को लेकर कहा कि यह "नक्सलियों की विचारधारा को प्रदूषण आंदोलन के नाम पर आगे बढ़ाने की कोशिश" है.

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इस प्रदर्शन का आयोजन दिल्ली कोऑर्डिनेशन कमेटी फॉर क्लीन एयर ने किया था, जो राजधानी की जहरीली हवा और सरकार की 'कॉस्मेटिक' कोशिशों जैसे पानी छिड़काव और बादल बनाने की तकनीक पर आपत्ति जता रही है. समूह का कहना है कि सरकार की विकास नीतियां, जैसे जंगलों की कटाई, खनन, और तेजी से विस्तार देश में प्रदूषण और चरम मौसम को बढ़ावा दे रहे हैं.

प्रदूषण के खिलाफ पहले भी हुआ प्रदर्शन

यह इस महीने का दूसरा बड़ा प्रदर्शन है. 8 नवंबर को भी कई संगठनों और विपक्षी दलों ने इंडिया गेट की ओर मार्च कर सरकार से प्रभावी नीतियों की मांग की थी, जब दिल्ली का AQI कई जगहों पर 400 के ऊपर चला गया था.

सोमवार को भी दिल्ली का AQI 397 दर्ज किया गया, यानी 'गंभीर' स्तर के करीब है. 39 में से 20 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने प्रदूषण का स्तर 'सीवियर' कैटगरी में बताया. इस पूरे विवाद ने दिल्ली की प्रदूषण समस्या और राजनीतिक माहौल दोनों को और तनावपूर्ण बना दिया है.

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