पहले हवा खराब थी, अब पानी भी खराब! दिल्ली में प्रदूषण की दोहरी मार, यमुना में दिखा जहरीला झाग

Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण की दोहरी मार देखने को मिल रही है. एक तरफ जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत खराब श्रेणी में है तो वहीं, जल प्रदूषण भी देखने को मिल रहा है. कालिंदी कुंज इलाके में यमुना नदी में जहरीला झाग दिखाई दे रहा है.

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यमुना नदी में तैरते दिख रहे सफेद जहरीले झाग यमुना नदी में तैरते दिख रहे सफेद जहरीले झाग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:17 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण ने हालात बिगाड़ दिए हैं. एक ओर हवा इतनी खराब है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है. अधिकतर इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत खराब श्रेणी में रिकॉर्ड किया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर यमुना नदी में ज़हरीला झाग बनने लगा है. दिल्ली में हवा और पानी दोनों ही गंभीर रूप से प्रदूषित हो रहे हैं. 

सुबह के समय शहर के ऊपर स्मॉग की मोटी चादर छाई रहने की वजह से दृश्यता और सांस लेने में दिक्कत हो रही है. यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए प्रतिदिन की दिनचर्या को भी प्रभावित कर रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई क्षेत्र वायु गुणवत्ता बहुत खराब (Very Poor) श्रेणी में है. 

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AQI बहुत खराब

दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के आंकड़ों को देखें तो आज (सोमवार) 10 नवंबर को सुबह 7 बजे आनंद विहार में AQI 379, चांदनी चौक में 360, आईजीआई एयरपोर्ट (T3) पर 305 और आईटीओ पर 376 रिकॉर्ड किया गया. वहीं, बवाना क्षेत्र में AQI 412 के साथ सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया है, जो सामान्य से कई गुना अधिक हैं.

Toxic हो रही यमुना नदी

वायु प्रदूषण के साथ-साथ जल प्रदूषण भी लोगों के लिए बड़ी समस्या बन रहा है. कालिंदी कुंज इलाके में यमुना नदी में सफेद झाग दिखाई दे रहा है. प्रशासन इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रासायनिक छिड़काव कर रहा है, ताकि झाग कम किया जा सके लेकिन अब तक स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ है.

विशेषज्ञों का कहना है कि यह झाग पानी में मौजूद फॉस्फेट, डिटर्जेंट और औद्योगिक अपशिष्टों के कारण बनता है. यह न सिर्फ नदी के पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद खतरनाक है.

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सरकार और एनसीआर के प्रशासन ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं. जिसमें ग्रैप (GRAP) लागू करना, पानी का छिड़काव, डस्ट कंट्रोल मशीनें चलाना और निजी वाहनों पर रोक लगाने की योजना बनाना शामिल है. लेकिन हवा में जहरीले कणों की मात्रा अभी भी बहुत अधिक है. बता दें कि दिल्ली में हर साल सर्दियों में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है और यमुना में झाग भी बनने लगते हैं.

प्रदूषण की इस दोहरी मार से बचाव के लिए प्रशासन की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. रासायनिक छिड़काव किया जा रहा है. नागरिकों को सतर्क रहने और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है.

 

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