दिल्ली सरकार अपने सरकारी अस्पतालों में जल्द ही CT स्कैन और MRI की सुविधा शुरू करने जा रही है, जिससे लाखों मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने इस महत्वपूर्ण पहल के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया है. इस कदम से न केवल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि गंभीर बीमारियों के निदान में भी तेजी आएगी.
दिल्ली सरकार के अधीन राज्य में 36 हॉस्पिटल हैं, लेकिन वर्तमान में केवल तीन अस्पतालों- LNJP हॉस्पिटल, GB पंथ और इंदिरा गांधी अस्पताल में MRI की सुविधा उपलब्ध है. अन्य अस्पतालों में ये सुविधा न उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से मरीजों को या तो महीनों इंतजार करना पड़ा है या फिर प्राइवेट संस्थानों में 5,000 से 15,000 रुपये खर्च करके MRI और CT स्कैन करवाना पड़ता है. गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, या अन्य जटिल स्वास्थ्य समस्याओं के निदान के लिए ये जांच बेहद जरूरी होती हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते मरीजों को इलाज में देरी का सामना करना पड़ता है.
34 अस्पातलों में शुरू होगी सुविधा
दिल्ली सरकार अपनी इस नई पहल के तहत अपने 34 सरकारी अस्पतालों में MRI और 12 अस्पतालों में CT स्कैन की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है. इस पहल के तहत सरकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के जरिए इन सुविधाओं को लागू करने की योजना बना रही है, ताकि मरीजों पर आर्थिक बोझ कम पड़े. हालांकि, MRI और CT स्कैन के लिए मरीजों को लगभग 2,400 रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है जो निजी केंद्रों की तुलना में काफी किफायती है.
'कई बार इलाज में होती है देरी'
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह के मुताबिक, हॉस्पिटल में ये सुविधा शुरू होने से न सिर्फ मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि अस्पतालों में जांच प्रक्रिया भी तेज और मरीजों को सुविधा भी मिलेगी. कई बार मरीजों की हालत गंभीर होती है और तुरंत MRI की जरूरत होती है, लेकिन मशीन न होने के चलते इलाज में काफी देरी हो जाती है.
MRI (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) एक बहुत ही आधुनिक जांच है,जिससे शरीर के अंदर की का सटीक स्थिति का पता चल जाता है. MRI के जरिए शरीर के अंदरूनी अंगों, ऊतकों और हड्डियों की सटीक स्थिति का पता लगाया जा सकता है जो कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, न्यूरोलॉजिकल समस्याओं, और अन्य गंभीर बीमारियों के निदान में मदद करता है.
इस जांच से डॉक्टर को इलाज में काफी मदद मिलती है.
इन सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों को निजी लैब में मोटी रकम चुकानी पड़ती थी, लेकिन अब सरकार का ये कदम आम लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है.
सुशांत मेहरा