MCD चुनाव: कैश फॉर टिकट मामले में आरोपी प्रिंस रघुवंशी की जमानत पर कोर्ट में सुनवाई पूरी

कोर्ट में प्रिंस रघुवंशी के वकील ने कहा कि वो किसी से MLA को मिलवाने की स्थिति में नहीं था. अगर आरोप सही है तो रघुवंशी को गवाह बना सकते थे. लेकिन उन्हें आरोपी बना दिया गया. ये तो फ्री लांसिंग का काम करते हैं और ओम सिंह ने अपने साथ जाने के लिए कहा था, इसलिए वह चले गए.

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ये पूरा मामला कमला नगर के वार्ड नम्बर 69 का है ये पूरा मामला कमला नगर के वार्ड नम्बर 69 का है

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:36 PM IST

MCD चुनाव में कैश के बदले टिकट मामले में कोर्ट ने आरोपी प्रिंस रघुवंशी की ज़मानत के मामले में सुनवाई पूरी कर ली है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. जानकारी के मुताबिक कोर्ट मामले में मतदान के ठीक अगले दिन यानी 5 दिसंबर को सुबह 11 बजे अपना फैसला सुनाएगी. कोर्ट में प्रिंस रघुवंशी के वकील ने कहा कि वो किसी से MLA को मिलवाने की स्थिति में नहीं था. अगर आरोप सही है तो रघुवंशी को गवाह बना सकते थे. लेकिन उन्हें आरोपी बना दिया गया. ये तो फ्री लांसिंग का काम करते हैं और ओम सिंह ने अपने साथ जाने के लिए कहा था, इसलिए वह चले गए. 

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वहीं कोर्ट में ACB ने कहा कि अभी मामले में जांच लंबित है. यह लोग रिश्वत का पैसा लेने के लिए गए थे. प्रिंस रघुवंशी ओम सिंह को पहले से जनता था. दोनों पक्षों को सुनते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

क्या है मामला? 

बता दें कि ये पूरा मामला कमला नगर के वार्ड नम्बर 69 का है. जहां आप कार्यकर्ता शोभा खारी ने पार्टी से पार्षद के टिकट की मांग की थी. शोभा का आरोप है कि MLA अखिलेश पति त्रिपाठी ने टिकट दिलाने के बदले 90 लाख रुपये की मांग की थी. हालांकि इस मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने 35 लाख रुपये अखिलेशपति त्रिपाठी और 20 लाख रुपये वजीरपुर MLA राजेश गुप्ता को बतौर रिश्वत दिए थे. शोभा के मुताबिक, बाकी 35 लाख रुपये टिकट में नाम आने के बाद देने थे.

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लेकिन लिस्ट जारी होने के बाद जब सूची में शोभा का नाम नहीं आया तो उन्होंने इस बात की शिकायत विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी के साले ओम सिंह से की. उसने पैसे वापस करने की बात कही. शिकायतकर्ता ने बाद में इसकी शिकायत एसीबी से की और साक्ष्य के तौर पर रिश्वत देते समय रिकॉर्ड किया वीडियो भी एजेंसी को मुहैया करवाया. शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने जाल बिछाया. 

15 नवंबर की रात को ओम सिंह अपने साथी शिवशंकर पांडे और प्रिंस रघुवंशी के साथ घूस के 33 लाख रुपये लेकर शिकायतकर्ता के घर पहुंचा. यहां एसीबी ने एक स्वतंत्र गवाह की मौजूदगी में तीनों को कैश के साथ रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया.

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