शराब नीति घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 5 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है . रॉउज एवन्यू कोर्ट में विशेष ईडी सीबीआई जज एमके नागपाल ने सिसोदिया को न्यायिक हिरासत में भेजा है.
5 दिन की ईडी रिमांड खत्म होने पर सिसोदिया को आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था और यहां ईडी ने मनीष सिसोदिया की आगे की रिमांड नहीं मांगी. इसके अलावा मनीष सिसोदिया ने जेल में पढ़ने के लिए कुछ और किताबों के लिए एप्लिकेशन दी. कोर्ट ने कहा जो किताबें वो चाहते हैं वो दे दी जाएंगी.
मामले में सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. इसके कुछ दिन बाद जेल में ही ईडी ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
कोर्ट ने 17 मार्च को हुई पिछली सुनवाई को अपने आदेश में मनीष सिसोदिया को अपने घरेलू खर्चों के लिए चेक पर हस्ताक्षर करने और जब्त किए गए बैंक खातों के इस्तेमाल की भी अनुमति दे दी थी. वहीं AAP सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि ईडी ने आधारहीन रिमांड ली है. उन्होंने आगे कहा था कि मनीष सिसोदिया के साथ आतंकवादी से भी बदतर सलूक किया जा रहा है.
क्या है शराब नीति घोटाला?
दरअसल दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने साल 2021 के 17 नवंबर को नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी. दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी लाने को लेकर माफिया राज खत्म करने का तर्क दिया था. ये भी दावा किया गया था कि इससे सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा. जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने इस मामले में एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी के साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगा था.
इसी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 22 अगस्त को ईडी ने आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. 6 महीने की जांच के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया.
सृष्टि ओझा / संजय शर्मा