दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रेखा गुप्ता सरकार से राष्ट्रीय राजधानी में आधार रजिस्ट्रेसन को 'फुलप्रूफ' बनाने को कहा है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. एलजी ने कहा कि अवैध प्रवासियों द्वारा यह दस्तावेज़ प्राप्त करने से राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा असर पड़ सकता है.
उपराज्यपाल के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा ने दिल्ली के मुख्य सचिव को लिखे एक पत्र में कहा कि उपराज्यपाल के संज्ञान में आया है कि कई मामलों में अवैध प्रवासी 'झूठे दस्तावेज़ों या गलत जानकारी' के जरिए आधार कार्ड हासिल करने में कामयाब रहे हैं.
'नए सिरे से विचार करने की जरूरत...'
पत्र में कहा गया है कि इसका बड़े स्तर पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि कुछ लोग अन्य डॉक्यूमेंट्स (पासपोर्ट और मतदाता पहचान पत्र) हासिल कर लेते हैं, जिनसे उनकी नेशनलिटी स्टैब्लिश होती है और वे तमाम सरकारी योजनाओं का फायदा उठाते हैं और स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के मौकों पर असर डालते हैं.
पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार में आधार (एनरोलमेंट और अपडेट) रेगुलेशन, 2016 के तहत रजिस्ट्रारों को सौंपी गई ज़िम्मेदारियों पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है, जिससे क्षेत्र के स्तर पर लागू किए जाने की प्रक्रिया, निगरानी और सत्यापन प्रक्रियाओं को सुनिश्चित किया जा सके.
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एलजी के दफ्तर से भेजे गए पत्र में कहा गया है, "एलजी ने निर्देश दिया है कि सभी रजिस्ट्रारों को आधार (एनरोलमेंट और अपडेट) रेगुलेशन, 2016 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने और दो महीने के अंदर आधार नामांकन के आंतरिक मॉडल को अपनाने के साफ निर्देश जारी किए जाएं."
इसमें आगे कहा गया है कि संभागीय आयुक्त मासिक ऑडिट की निगरानी भी करें, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई खामियां न हों. उपराज्यपाल ने आगे निर्देश दिया कि नगर निकायों सहित राज्य सरकार द्वारा स्थापित सभी नामांकन केंद्रों की जानकारी, मौजूदा फंक्शनिंग मोड के साथ, 15 जुलाई तक प्रस्तुत किया जाए.
पत्र में कहा गया है कि आधार एनरोलमेंट एक 'बेहद संवेदनशील प्रक्रिया' है और आधार जारी करने से पहले डेटा कलेक्ट करने वाले शख्स की ज़िम्मेदारी तय करना ज़रूरी है, जिससे किसी भी चूक की स्थिति में जवाबदेही तय की जा सके.
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