जिस कोबरा के काटने से चली जाती है जान, नशे में कैसे होता है उसके जहर का इस्तेमाल

सांप के जहर से नशा बनाते वक्त बेहद सावधानी बरती जाती है, खासतौर से डोज हल्की हो इसका ध्यान रखा जाता है. जहर में कुछ दूसरे केमिकल भी मिलाए जाते है, ताकि डोज हल्का रहे और सामने वाले को नशा हो कुछ घंटों के लिए दिमाग सुन्न पड़ जाए. जहां तक बात कोबरा और वाइपर की है इनका जहर खून को जमा देता है. 

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एल्विस यादव और सांप एल्विस यादव और सांप

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली ,
  • 03 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST

दो नवंबर को नोएडा पुलिस ने वन विभाग के साथ छापेमारी कर पांच लोगों को 9 सांपों के साथ गिरफ्तार किया. 9 में से 5 सांप तो कोबरा है जो बेहद जहरीले सांप होते हैं. इसके अलावा पुलिस ने उनके पास से एक अजगर, एक घोड़ा पछाड़ सांप भी पकड़ा. साथ ही पुलिस ने आरोपियों के पास से 20ml सांप का जहर भी बरामद किया. आरोपियों की गिरफ्तारी से चौंकाने वाली बात सामने आई है कि सापों के जहर का इस्तेमाल एनसीआर में होने वाली रेव पार्टियों में किया जाता था.

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यह पूरा मामला उस समय सामने आया जब एक एनजीओ के शिकायतकर्ता ने नोएडा पुलिस को लिखकर दिया कि उन्हें सपेरे राहुल का नंबर एल्विस यादव के जरिए मिला था. फिर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की जिसमें पांच सपेरों के साथ एल्विस यादव का भी नाम है. हालांकि पुलिस का कहना है कि एल्विस पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्हें वेरीफाई किया जा रहा है. तथ्यों की जांच में जो सबूत सामने आएंगे उसी के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. 

छापेमारी कर पांच लोगों को 9 सांपों के साथ गिरफ्तार किया

इस मामले के सामने आने के बाद हर किसी के मन में एक ही सवाल बार-बार उठ रहा है कि जिस कोबरा सांप के काटने से कोई भी इंसान चंद में मर जाता है, भला उस जहर का इस्तेमाल पार्टी में कैसे किया जा सकता है. 

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जहर से कैसे बनाया जाता है नशा

देश में 30 प्रतिशत ही सांप जहरीले पाए जाते हैं. इनमें कुछ का जहर सीधे दिमाग पर असर करता है और पैरालिसिस अटैक आता है. जबकि कुछ के जहर का असर खून में होता है और खून जमने लगता है. आमतौर पर नशे के लिए उस जहर का इस्तेमाल किया जाता है जो दिमाग पर असर करता है.

सांप के जहर से नशा बनाते वक्त बेहद सावधानी बरती जाती है, खासतौर से डोज हल्की हो इसका ध्यान रखा जाता है. जहर में कुछ दूसरे केमिकल भी मिलाए जाते है, ताकि डोज हल्का रहे और सामने वाले को नशा हो कुछ घंटों के लिए दिमाग सुन्न पड़ जाए. जहां तक बात कोबरा और वाइपर की है इनका जहर खून को जमा देता है. 

कैसे असर करता है सांप का जहर

सांप के जहर से बना नशा आमतौर पर जो नशा उपलब्ध है, उनसे अलग होता है. यह शराब और यहां तक की ड्रग्स से भी कही ज्यादा तेज इसका नशा चढ़ता है और देर तक शरीर पर इसका असर रहता है. लेकिन कई बार यह खतरनाक भी साबित हो जाता है. अगर गलती से सांप के जहर से बने नशे को किसी ने ज्यादा मात्रा में ले ली तो मौत भी संभव है. 

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जानकारी के मुताबिक रेव पार्टी में अब कुछ युवा सांप के जहर का नाश करने लगे हैं. यहां तक की कुछ सांपों से सीधे कटवाते भी हैं. ऐसी रेव पार्टी में सपेरे सांपों को लेकर पहुंचते हैं और लोगों को उनसे कटवाया जाता है.

रेव पार्टी में सपेरे सांपों को लेकर पहुंचते हैं

 

 

दवा में भी होता है जहर का इस्तेमाल

सांप के जहर का इस्तेमाल चिकित्सा पद्धति में तो काफी पहले से होता आया है. इसके साथ ही कुछ लोगों ने इसका इस्तेमाल नशे के तौर पर भी शुरू कर दिया. सांपों के शहर का इस्तेमाल एंटी वेनम के रूप में भी किया जाता है. कोबरा के जहर से तो कई दवाइयां बनती है. खासतौर से हार्ट स्ट्रॉ के भूलने की बीमारी में इनका इस्तेमाल होता है. 

बेहद महंगा बिकता है कोबरा का जहर

सांप का शहर बेहद महंगा बिकता है और अगर कोबरा कहे तो उसकी तो कोई कीमत ही नहीं है. एक-एक बूंद की कीमत लाखों रुपए तक जा सकती है.  ऐसे में जब सांप के जहर से नशा बनाया जाता है तो कई केमिकल का इस्तेमाल कर उसकी मात्रा बढ़ा दी जाती है. 
 

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