जब दिल्ली की हवा 'गंभीर' श्रेणी में है और GRAP-IV लागू है, तब 'आज तक' ने एक ऐसे आपराधिक रैकेट का भंडाफोड़ किया जो लोगों के फेफड़ों के साथ खिलवाड़ कर रहा था. हमारी टीम ने पाया कि बिना गाड़ियों की जांच किए, घर बैठे ही फर्जी PUC प्रमाणपत्र बांटे जा रहे थे.
इस खुलासे के बाद दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने सख्त एक्शन लेते हुए बड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. परिवहन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 28 पीयूसी केंद्रों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है.
इसके अलावा, गोकुलपुरी और टिकरी कलां स्थित केंद्रों सहित 4 मुख्य केंद्रों को 'ब्लैकलिस्ट' कर दिया गया है. गोकुलपुरी थाने में इन केंद्रों के संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.
सड़कों पर उतरा दस्ता
मंत्री पंकज सिंह के निर्देश पर कश्मीरी गेट, मोरी गेट और तीस हजारी जैसे इलाकों में बड़ा चेकिंग अभियान चलाया गया. पिछले 24 घंटों में प्रदूषण फैला रही 100 से ज्यादा बसों को जब्त (Impound) किया गया है. अकेले कल ही 28 बसों पर कार्रवाई की गई. विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान अगले कुछ दिनों तक आक्रामक रूप से जारी रहेगा.
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क्या था आज तक का खुलासा?
'आज तक' के पत्रकारों ने डीलर्स बनकर जांच की तो पाया कि पुलिस के मालखाने में खड़ी गाड़ियों और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के भी ताजा PUC सर्टिफिकेट मात्र 300-400 रुपये में घर बैठे व्हाट्सएप पर मिल रहे थे.
सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ कर बिना किसी टेल-पाइप टेस्ट के 'फिटनेस' प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे थे. इस फर्जीवाड़े ने दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण के दावों की पोल खोल दी थी.
सुशांत मेहरा