लंबे वक्त से अटके प्रगति मैदान अंडरपास-5 प्रोजेक्ट को आखिरकार केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है. केंद्र सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) के संशोधित प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. सबसे खास बात ये है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कोई अतिरिक्त बजट नहीं लिया जाएगा, यानी शेष कार्य पहले से ही स्वीकृत निधियों में ही पूरा किया जाएगा.
PWD ने अपने संशोधित प्रस्ताव में तीन अहम तकनीकी उपाय सुझाए थे, जिन्हें मंत्रालय ने मंजूरी दी है.
लंबे वक्त से अटका था प्रोजेक्ट
ये प्रोजेक्ट सालों से अधर में लटका हुआ था. मिट्टी धंसने, रेलवे के नीचे निर्माण की जटिलताएं और विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण काम रुक गया था. जनता के पैसे से इस प्रोजेक्ट का अधिकांश बजट पहले ही खर्च हो चुका है, लेकिन निर्माण कार्य अधूरा पड़ा था. इस स्थिति ने ना केवल जनता की नाराजगी बढ़ाई, बल्कि प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए.
'देरी नहीं, डिलीवरी होगी'
PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने इस मंजूरी को एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा, 'ये केवल मंजूरी नहीं है, बल्कि एक संदेश है कि अब देरी नहीं, डिलीवरी होगी. जनता के हर रुपये का सही इस्तेमाल हमारी प्राथमिकता है. अब काम गुणवत्ता, गति और पारदर्शिता के साथ होगा.'
साथ ही उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि इस प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा.
क्यों महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट
प्रगति मैदान अंडरपास-5 दिल्ली के सेंटर से पूर्वी हिस्सों को जोड़ने वाला अहम ट्रांजिट मार्ग है. इसके पूरा होने से ITO और प्रगति मैदान के पास ट्रैफिक कम होगा. साथ ही इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (ITPO) समेत बड़े आयोजनों के दौरान सुगम यातायात होगा.
वहीं, केंद्र ने PWD को निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण काम तुरंत शुरू किया जाए और साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाए. सरकार का दावा है कि ये प्रोजेक्ट वित्तीय अनुशासन और समयबद्ध कार्य का उदाहरण बनेगा.
सुशांत मेहरा