दिल्ली की हवा में थोड़ी राहत के बाद गुरुवार को फिर से प्रदूषण बढ़ गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शहर का औसत एक्यूआई (AQI) 264 दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है. लेकिन चिंता की बात यह है कि आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' स्तर तक गिरने की संभावना है.
290 पहुंचा ITO का AQI
राजधानी के कई इलाकों में गुरुवार को घनी धुंध छाई रही, खासकर आईटीओ इलाके में, जहां सुबह AQI 290 तक पहुंच गया. वहीं उत्तर दिल्ली के नरेला में हवा की गुणवत्ता 294 रही. यह स्थिति उस दिन के बाद देखने को मिली जब बुधवार को दिल्ली की हवा लगभग एक हफ्ते में सबसे साफ दर्ज की गई थी.
बुधवार को बेहतर थे हालात
बुधवार शाम को AQI 202 तक गिर गया था, जो इस हफ्ते की शुरुआत में दर्ज 'बहुत खराब' स्तर की तुलना में बेहतर था. मुख्य प्रदूषकों के स्तर में भी गिरावट आई थी- PM10 का स्तर 260 से घटकर 175.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और PM2.5 का स्तर 128.2 से घटकर 85.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया था. लेकिन गुरुवार सुबह तक शहर के अधिकांश 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में हवा की गुणवत्ता फिर खराब हो गई.
CPCB के 'समीर' ऐप के आंकड़ों के मुताबिक, 28 स्टेशन 'बहुत खराब' श्रेणी (300 से ऊपर) में पहुंच गए. दिल्ली से सटे शहरों में भी हालात बेहतर नहीं हैं. गुरुग्राम का AQI 229, नोएडा का 216 और गाजियाबाद का 274 दर्ज किया गया- तीनों 'खराब' श्रेणी में.
अभी और बढ़ेगा प्रदूषण
फरीदाबाद का स्तर 187 रहा, जो थोड़ा बेहतर जरूर है, लेकिन सेहत के लिए अब भी हानिकारक है. एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम ने कहा है कि हवा की रफ्तार में गिरावट (10 किमी प्रति घंटे से कम) प्रदूषकों को फैलने नहीं दे रही, जिससे हवा और खराब हो रही है. सिस्टम ने चेतावनी दी है कि 6 से 8 नवंबर तक दिल्ली की हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी रहेगी.
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