दिल्ली-NCR की हवा फिर खराब... GRAP III के प्रतिबंध लागू, डीजल वाहनों और कंस्ट्रक्शन वर्क पर रहेगी रोक

दिल्ली-NCR में GRAP III प्रावधानों के तहत डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लागू रहेगा. कंस्ट्रक्शन वर्क, तोड़फोड़ और खुदाई का काम भी नहीं हो सकेगा, जबकि स्कूल ऑनलाइन माध्यम से चलाए जाएंगे.

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दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब होने के बाद ग्रैप-III के प्रावधान लागू कर दिए गए हैं. (PTI Photo) दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब होने के बाद ग्रैप-III के प्रावधान लागू कर दिए गए हैं. (PTI Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:52 PM IST

दिल्ली-NCR में एयर क्वालिटी एक बार फिर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है, जिसके बाद GRAP III लागू कर दिया गया है. राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को एक्यूआई 450 तक पहुंच गया. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार दोपहर एक बयान में कहा, 'अत्यधिक प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के बाद दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जीआरएपी-III की सिफारिशें फिर से लागू कर दी गई हैं.' GRAP-III के प्रावधानों के तहत, दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों को कक्षा V तक की कक्षाओं के लिए हाइब्रिड क्लास मोड पर स्विच करना होगा, और डीजल से चलने वाले कमर्शियल व्हीकल के प्रवेश पर प्रतिबंध होगा.

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दिल्ली-NCR में GRAP-III के लागू रहने तक कंस्ट्रक्शन वर्क, तोड़फोड़ और खुदाई का काम भी नहीं हो सकेगा. दिल्ली के अलावा नेशनल कैपिटल रीजन के शहरों गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर में भी शैक्षणिक संस्थान अब कक्षा V तक की कक्षाएं 'हाइब्रिड' मोड में संचालित करेंगे. हाइब्रिड क्लास मोड का मतलब है कि छात्र और अभिभावक अपने घर पर कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के आधार पर ऑनलाइन और फिजिकल क्लास के बीच चयन कर सकते हैं. यानी यह छात्रों के अभिभावकों पर निर्भर करेगा कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं या ऑनलाइन क्लास अटेंड करवाना चाहते हैं.

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ग्रैप-III के प्रावधानों के तहत आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों को छोड़कर, बीएस-IV सर्टिफिकेशन से नीचे के इंजन वाले माल वाहन नहीं चल सकते हैं. और राष्ट्रीय राजधानी के बाहर पंजीकृत माल वाहन अगली सूचना तक शहर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं, यदि उनका इंजन बीएस-IV सर्टिफिकेशन वाला नहीं है. दिल्ली और एनसीआर के शहरों में सरकारी कार्यालयों में काम के घंटे अलग-अलग होंगे, केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में अपने कार्यालयों के लिए भी इसी तरह का उपाय लागू कर सकती है. बता दें कि सोमवार दोपहर 2.30 बजे तक दिल्ली का औसत AQI 366 था, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है. अगले कुछ घंटों में यह बढ़कर 450 के करीब पहुंच गया, जो 'बेहत गंभीर' श्रेणी में आता है. एक सप्ताह पहले यानी 7 दिसंबर को दिल्ली का एवरेज एक्यूआई लेवल 233 था, जो मध्यम श्रेणी में आता है.

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दिल्ली की हवा में सुधार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिसंबर को सीएक्यूएम को ग्रैप-IV में ढील देने की अनुमति दी थी. बता दें कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप के चार लेवल निर्धारित किए गए हैं. प्रदूषण के स्तर को ध्यान में रखकर इन्हें लागू किया जाता है, जो एक्यूआई के आधार पर तय होता है. ग्रैप के हर चरण के लिए अलग अलग प्रावधान हैं, जिनके तहत कुछ ऐसी चीजों पर प्रतिबंध रहता है, जिनसे वायु प्रदूषण में इजाफा होने की संभावना होती है. ग्रैप-IV के तहत सबसे सख्त प्रतिबंध लागू होते हैं. 
 

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