दिल्ली की सत्ता और सियासत दोनों ही बदल गई, लेकिन शोएब इकबाल का सियासी वर्चस्व बना हुआ है. दिल्ली में सरकारें आईं और चली गईं, पर शोएब इकबाल की सियासत टस से मस नहीं हुई है. दिल्ली नगर निगम उपचुनाव में ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के मोहम्मद इमरान को जीत दिलाकर शोएब इकबाल ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुरानी दिल्ली के इलाके में उन्हीं का दबदबा रहेगा.
दिल्ली एमसीडी की 12 सीटों पर उपचुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं. बीजेपी 7 सीटें, आम आदमी पार्टी तीन सीटें, कांग्रेस एक सीट और एक सीट अन्य ने जीती है. एमसीडी उपचुनाव में सबसे बड़ी जीत चांदनी महल वार्ड से शोएब इकबाल के कैंडिडेट मोहम्मद इमरान की रही तो सबसे कम वोटों से नारायणा वार्ड में आप को जीत मिली है.
उपचुनाव में बीजेपी को दो सीटों का झटका लगा है जबकि कांग्रेस को एक सीट का फायदा. एक सीट जो अन्य को मिली है, वहां पर पहले आप का कब्जा था. शोएब इकबाल को नाराज करना आप को महंगा पड़ा. इस एक सीट की हार ने बीजेपी पर बढ़त बनाने का बेहतर मौका आप ने गंवा दिया है.
चांदनी महल सीट पर सबसे बड़ी जीत
दिल्ली के मुस्लिम बहुल चांदनी महल वार्ड से ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) के प्रत्याशी मोहम्मद इमरान ने जीत दर्ज की है. 2022 में यह सीट आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सबसे ज्यादा वोटों से जीती थी. पूर्व विधायक शोएब इकबाल के बेटे आले मोहम्मद इकबाल आप के टिकट पर चुनाव लड़कर 17134 वोट के बड़े अंतर से कांग्रेस को हराया था.
आले मोहम्मद इकबाल को 19191 वोट मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी को मात्र 2065 वोट मिले थे. इस तरह 2022 में दिल्ली की यह सबसे बड़ी जीत रही थी और तीन साल बाद फिर चांदनी महल सीट की जीत सबसे बड़ी बन गई है. ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के मोहम्मद इमरान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के मुदस्सर उस्मान को 4692 वोटों से हराया है. इमरान को 11814 वोट मिले तो मुदस्सर उस्मान को 7122 वोट मिले हैं.
शोएब की बगावत AAP को पड़ी महंगी
चांदनी महल सीट से पार्षद रहे आले मोहम्मद के विधायक बनने से उपचुनाव हो रहा है. ऐसे में चांदनी महल सीट पर उपचुनाव में शोएब इकबाल अपने पसंदीदा कैंडिडेट को आप से टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनकी मर्जी के नेता को टिकट नहीं दिया. इससे नाराज होकर इकबाल ने पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद इमरान को चुनाव लड़ाया. शोएब इकबाल की नाराजगी आम आदमी पार्टी को महंगी पड़ी.
शोएब इकबाल ने अपनी बादशाहत बरकरार रखते हुए अपने कैंडिडेट मोहम्मद इमरान को भारी मतों से जीत दिलाई. तीन दशकों से चांदनी महल इलाके में पुराने दिल्ली के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक शोएब इकबाल के परिवार का कब्जा रहा है. चांदनी महल वार्ड के उपचुनाव का ऐलान होने के साथ ही पूर्व विधायक शोएब इकबाल ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी और शोएब इकबाल के विधायक बेटे आले मोहम्मद इकबाल पार्टी लाइन से अलग होकर अपने पिता के साथ इमरान को जीत दिलाकर कामयाब रहे.
शोएब के सामने अमानतुल्लाह भी हुए फेल
शोएब इकबाल मटिया महल विधानसभा सीट से छह बार विधायक रहे हैं. इस बार उन्होंने अपने बेटे आले इकबाल को आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़वाया और बेटे ने चुनाव जीता. आले इकबाल के विधायक बनने के चलते चांदनी महल वार्ड में उपचुनाव हुए. शोएब इकबाल अपने समर्थक को प्रत्याशी बनवाना चाहते थे. आम आदमी पार्टी से टिकट न मिलने की वजह से शोएब इकबाल ने पार्टी छोड़ दी. उसके बाद उन्होंने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी मोहम्मद इमरान को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी.
चांदनी महल वार्ड मटिया महल विधानसभा सीट का हिस्सा है. इस विधानसभा सीट और चांदनी महल वार्ड पर लंबे समय से शोएब इकबाल का कब्जा है. शोएब इकबाल सिर्फ एक बार 2015 का विधानसभा चुनाव छोड़कर 1993 से लगातार मटिया महल से जीत रहे हैं. शोएब इकबाल का बेटा आले इकबाल मौजूदा समय में मटिया महल सीट से विधायक है और इससे पहले चांदनी महल से पार्षद थे. इस तरह शोएब इकबाल का सियासी वर्चस्व पूरे इलाके में कायम है, जिसे वह किसी भी सूरत में अपने हाथों से नहीं निकलने देना चाहते.
वहीं, शोएब इकबाल को उनके ही दुर्ग में मात देने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दांव चले. पूर्व विधायक आसिम अहमद खान को दोबारा आम आदमी पार्टी ने अपने साथ लिया. फायर ब्रांड अमानतुल्लाह खान और इमरान हुसैन जैसे मुस्लिम विधायकों को चांदनी महल में आप को जिताने के लिए उतार रखा था, लेकिन शोएब इकबाल और आले मोहम्मद इकबाल के सामने यह कोशिश कोई काम नहीं आ सकी.
शोएब इकबाल की बादशाहत कायम
पूर्व विधायक शोएब इकबाल ने चांदनी महल सीट को मोहम्मद इमरान को जिताकर अपना दबदबा कायम रखा है, उनके इस अभियान में उनका विधायक बेटा आले इकबाल का भी अहम रोल था. आले ने आम आदमी पार्टी की लाइन से हटकर इमरान को जिताने के लिए पूरा जोर लगा रखा था. कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी तक ने शोएब इकबाल के वर्चस्व को तोड़ने के लिए सियासी चक्रव्यूह रचा था, लेकिन चांदनी महल में शोएब इकबाल की पसंद को तवज्जो मिली.
2015 में मटिया महल सीट पर शोएब इकबाल को हराने वाले आसिम अहमद खान को साथ लेना भी काम नहीं आया. मुस्लिम बहुल सीट पर फिर शोएब इकबाल ने साबित कर दिया है कि उनकी मर्जी के बिना चांदनी महल सीट पर एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है. इस तरह शोएब इकबाल ने अपने गढ़ में अपनी बादशाहत को कायम रखा.
कुबूल अहमद