एक तरफ पूरा देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली वालों की बेहतर सेहत और उनको स्वस्थ बनाने वाले जिम के मालिक आज योग दिवस का बहिष्कार कर रहे हैं. इसके पीछे वजह जिम न खुलना है. दिल्ली जिम एसोसिएशन का कहना है कि दिल्ली में लगातार संक्रमण घट रहा है, हर तरह के कारोबार को छूट दे दी गई है लेकिन सरकार ने अभी तक जिम खोलने की इजाजत नहीं दी है, जिसके कारण उनको काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है.
जिम चलाने वाले ओनर्स की मानें तो दिल्ली में काफी हद तक जिम किराए पर चलते हैं जिनका किराया देना भी इस वक्त भारी पड़ता जा रहा है. जिम ओनर्स किराए के बोझ तले दब रहे हैं. जिम का किराया, बिजली का बिल, पानी का बिल, स्टाफ की सैलरी, ये सब बोझ लगातार उन पर बढ़ता जा रहा है जिसके कारण कई जिम बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं.
पूर्व मिस्टर इंडिया रनर अप और जिम ओनर पारस गुप्ता के मुताबिक, जिम बंद होने की वजह से बेरोजगारी बढ़ेगी. लोग रोजी रोटी के लिए भी मोहताज होंगे. दिल्ली में लगभग 5000 से ज्यादा जिम हैं जिनसे एक लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं. ऐसे में जिम नहीं खुलने से इन तमाम लोगों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. पारस बताते हैं कि इस संकट में सरकार की तरफ से उनको किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली. जिम ओनर आर्थिक संकट और मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं.
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दिल्ली जिम एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट सुनील लोचव की मानें तो जिम में लॉकडाउन से पहले जितने भी लोग एक्सरसाइज करने के लिए आते थे वो मेंबरशिप लेकर आते हैं. 3 से 4 महीने की मेंबरशिप होती है. अब वो लोग फोन करके मेंबरशिप को आगे एक्सटेंड करने की बात कर रहे हैं. सुनील बनाते हैं कि अगर सरकार की तरफ से उनको आर्थिक मदद नहीं मिलेगी तो वो कैसे इन लोगों की मेंबरशिप एक्सटेंड कर पाएंगे. उन पर भी लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है.
पारस का कहना है कि जब पड़ोसी राज्य हरियाणा में जिम खुल गए हैं तो दिल्ली सरकार आखिर क्यों नहीं खोल रही है, वो भी तब जब संक्रमण काफी हद तक कम हो चुक है. बाजारों में जबर्दस्त भीड़ देखने को मिल रही है. सब कुछ खुल गया है, लेकिन हमारा कारोबार कब खुलेगा.
सुशांत मेहरा