दिल्ली: विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए 11 जिलों में नए अध्यक्ष नियुक्त, AAP के 3 विधायकों को भी मिली अहम जिम्मेदारी

आप पार्टी के संजीव झा (मध्य दिल्ली), रवि कांत (पूर्वी दिल्ली) और राम सिंह नेताजी (दक्षिण-पूर्व दिल्ली) को संबंधित जिला विकास समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है. दिल्ली सरकार का यह फैसला राजधानी में विकास योजनाओं के विकेंद्रीकरण और पारदर्शी कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

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दिल्ली की CM रेखा गुप्ता (फाइल फोटो) दिल्ली की CM रेखा गुप्ता (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:22 AM IST

दिल्ली में स्थानीय विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 11 जिलों की विकास समितियों के लिए विधायकों की नियुक्ति अध्यक्ष के रूप में की है. शनिवार को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कुल 11 विधायकों को जिलेवार विकास समितियों का अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिनमें 8 बीजेपी और 3 आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक शामिल हैं.

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बीजेपी के जिन विधायकों को अध्यक्ष बनाया गया है, उनमें कुलवंत राणा (उत्तर पश्चिम दिल्ली), अजय महावर (उत्तर पूर्व दिल्ली), गजेंद्र यादव (दक्षिण दिल्ली), पवन शर्मा (दक्षिण पश्चिम), मनोज शौकीन (पश्चिम दिल्ली), राजकुमार भाटिया (उत्तर दिल्ली), शिखा रॉय (नई दिल्ली) और जितेंद्र महाजन (शाहदरा) के नाम शामिल हैं.

आम आदमी पार्टी के विधायकों को भी मिला जिम्मा

वहीं, आप पार्टी के संजीव झा (मध्य दिल्ली), रवि कांत (पूर्वी दिल्ली) और राम सिंह नेताजी (दक्षिण-पूर्व दिल्ली) को संबंधित जिला विकास समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है. दिल्ली सरकार का यह फैसला राजधानी में विकास योजनाओं के विकेंद्रीकरण और पारदर्शी कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

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सरकार का मकसद

 सरकार के अनुसार, इन जिला विकास समितियों का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूत बनाना है, ताकि विकास कार्यों में जनता और उनके प्रतिनिधियों की सीधी भागीदारी सुनिश्चित की जा सके. इन समितियों में विधायकों के साथ-साथ नगर पार्षद, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA), जिला मजिस्ट्रेट और अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे. ये सभी मिलकर स्थानीय स्तर की बुनियादी सुविधाओं, योजनाओं और नीतियों की योजना, क्रियान्वयन और निगरानी में अहम भूमिका निभाएंगे.

अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से विकास कार्यों में गति आएगी, जवाबदेही बढ़ेगी और जन भागीदारी के साथ सुशासन को बढ़ावा मिलेगा.
 

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