'पिछली सरकार और दूसरे राज्य जिम्मेदार', प्रदूषण पर बोले दिल्ली के मंत्री आशीष सूद

प्रदूषण की स्थिति पर बात करते हुए मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली आज जो परेशानी झेल रही है, वह पिछली सरकारों की निष्क्रियता का परिणाम है. मंत्री सूद ने 'ऑड-इवन' जैसी पुरानी योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल 'गाड़ी ऑन-गाड़ी ऑफ' जैसे नारों से प्रदूषण पर कोई असर नहीं होने वाला.

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मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली की हवा केवल दिल्ली के कारणों से खराब नहीं है. (Photo- Screengrab) मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली की हवा केवल दिल्ली के कारणों से खराब नहीं है. (Photo- Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

देश की राजधानी दिल्ली में साल के आखिरी दिनों में भी दमघोंटू हवा और घने कोहरे का डबल अटैक जारी है. प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति के बीच दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रदूषण के लिए पिछली सरकारों की नीतियों और पड़ोसी राज्यों की भूमिका को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल नारों से प्रदूषण कम नहीं होगा, इसके लिए सरकार अब दीर्घकालिक (Long-term) उपायों पर काम कर रही है.

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प्रदूषण की स्थिति पर बात करते हुए मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली आज जो परेशानी झेल रही है, वह पिछली सरकारों की निष्क्रियता का परिणाम है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "पिछली सरकारों ने कुछ नहीं किया, वे बस 'खाए-पिए और चले गए'. उनके किए का खामियाजा आज जनता भुगत रही है. हमारी सरकार बिना नजरें चुराए इन समस्याओं को निपटाने में लगी हुई है."

'नारों से नहीं, काम से साफ होगी हवा'

मंत्री सूद ने 'ऑड-इवन' जैसी पुरानी योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल 'गाड़ी ऑन-गाड़ी ऑफ' जैसे नारों से प्रदूषण पर कोई असर नहीं होने वाला. उन्होंने सरकार के रोडमैप का जिक्र करते हुए बताया कि दिल्ली सरकार अब ईवी (EV) पॉलिसी को सख्ती से लागू कर रही है और सड़कों पर धूल रोकने के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी घोषणा की कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने के लिए मेट्रो का फेज-5 भी पाइपलाइन में है, जिससे निजी वाहनों का दबाव कम होगा.

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पड़ोसी राज्यों की भूमिका और मौसम का कारक

प्रदूषण के कारणों पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली की हवा केवल दिल्ली के कारणों से खराब नहीं है. आसपास के राज्यों का मौसम और वहां की गतिविधियां दिल्ली के प्रदूषण में बड़ा कारक हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार पड़ोसी राज्यों से लगातार संवाद कर रही है ताकि धूल और धुएं पर सामूहिक नियंत्रण पाया जा सके.

वायु गुणवत्ता की वर्तमान स्थिति

बता दें कि मंगलवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 388 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है. आनंद विहार जैसे इलाकों में यह आंकड़ा 460 (गंभीर) तक पहुंच गया. मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को प्रदूषण 'गंभीर' श्रेणी में रह सकता है. वहीं, घने कोहरे के कारण सफदरजंग और पालम जैसे इलाकों में दृश्यता (Visibility) 100 से 300 मीटर के बीच रही.

मंत्री सूद ने आश्वासन दिया कि प्रदूषण पर दिन-रात गंभीर काम हो रहा है और आने वाले समय में इन दीर्घकालिक उपायों के सकारात्मक परिणाम दिल्ली की जनता को देखने को मिलेंगे.

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