चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ छात्राओं से छेड़खानी और उत्पीड़न के मामले में पुराने खुलासे भी सामने आ रहे हैं. साल 2016 में एक छात्रा ने दिल्ली पुलिस से शिकायत कर केस दर्ज कराया था, जिसमें बताया गया कि किस तरह बाबा चैतन्यानंद ने उसका शोषण किया.
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उस समय उसकी उम्र 20-21 साल थी. चैतन्यानंद रात में कॉल करता, गंदी बातें करता और ‘बेबी’ व ‘स्वीट गर्ल’ कहकर बुलाता था. पीड़िता ने शिकायत में आपबीती बयां करते हुए कहा है कि बाबा ने उसका फोन छीन लिया और हॉस्टल में उसे अकेला रखा. अगर वह दूसरी छात्राओं से बात करती, तो चैतन्यानंद उसे डांटता और दबाव डालता था.
पीड़िता ने आगे कहा कि चैतन्यानंद ने उस पर दो दिन के मथुरा ट्रिप के लिए भी दबाव डाला था. डर के मारे उसे बिना बैग और डॉक्यूमेंट्स के भागना पड़ा. भागने के बाद भी चैतन्यानंद के अनुयायी घर तक आ गए. अंततः पिता ने बेटी को बचाया.
इस FIR में यह भी कहा गया कि चैतन्यानंद ने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर छात्राओं को कमरे में बंद रखकर मानसिक और शारीरिक रूप से भयभीत किया. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बाबा चैतन्यानंद को अरेस्ट किया था और इस पूरे मामले की जांच की गई थी.
जानिये क्या है पूरी कहानी
गेरुआ कपड़े पहनने वाला चैतन्यानंद खुद को मैनेजमेंट गुरु बताता था. वह मैनेजमेंट का संस्थान चलाता, विदेशी डिग्रियों का रुआब दिखाता और राजनयिक नंबर वाली लक्जरी गाड़ियों में घूमता था. लेकिन उसी बाबा के खिलाफ गंभीर आरोपों का खुलासा होने के बाद उसकी असली तस्वीर सामने आ गई. फिलहाल वह फरार है और पुलिस से बचने के लिए लगातार लोकेशन बदल रहा है.
FIR और शिकायतों के मुताबिक, चैतन्यानंद पर आरोप है कि वह अपने संस्थान में पढ़ने वाली EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) की छात्राओं को कमरे में बुलाता था. देर रात उन्हें फोन करके अश्लील बातें करता था. स्टाफ से भी छात्राओं पर दबाव डलवाता, ताकि वे चुप रहें. कई बार छात्राओं पर विदेश यात्रा पर साथ चलने को कहा. विरोध करने पर उन्हें फेल करने या संस्थान से निकाल देने की धमकियां दी जाती थीं. सुरक्षा के नाम पर लड़कियों के हॉस्टल में कैमरे तक लगवा दिए गए थे.
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चैतन्यानंद की करतूतों की कलई सबसे पहले 23 जुलाई को खुली, जब पीठम ने छात्राओं की शिकायत पर उसके खिलाफ FIR दर्ज कराई. FIR नंबर 320/2025 में बाबा के आचरण पर गंभीर सवाल उठाए गए. इसी दौरान पीठम ने उससे पावर ऑफ अटॉर्नी वापस ले ली और संस्थान के संचालन के लिए 11 सदस्यीय नई गवर्निंग काउंसिल गठित कर दी.
इसके बाद मामला और बड़ा तब हुआ, जब 1 अगस्त को वायुसेना ने पीठम को छात्राओं की शिकायतों की लंबी सूची ईमेल के जरिए भेजी. इसमें विस्तार से बताया गया था कि बाबा किस तरह छात्राओं को बुलाता, गंदे मैसेज भेजता और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था.
2 अगस्त को पीठम ने वायुसेना को जवाब दिया और पहले दर्ज हुई FIR का जिक्र किया. फिर 4–5 अगस्त को पीठम ने नई शिकायत दिल्ली पुलिस से की और इस बार 300 पन्नों में सबूत सौंपे. इन सबूतों में चैतन्यानंद के वॉट्सऐप चैट भी थे.
गंभीर आरोपों और पुख्ता सबूतों के बावजूद चैतन्यानंद फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान तक छापेमारी कर रही है. बाबा लगातार लोकेशन बदल रहा है. हालिया लोकेशन मुंबई में मिली है.
अरविंद ओझा