छत्तीसगढ़ में CM बने 'विष्णु', क्या MP में होगा 'शिव' का राज? आज हो सकता है मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला

छत्तीसगढ़ में भले ही सीएम चुन लिया गया हो, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी भी सस्पेंस बरकरार है. सवाल उठ रहे हैं कि मध्य प्रदेश में किसका राज होगा. क्या एमपी में शिवराज ही सीएम बने रहेंगे या पार्टी नया चेहरा आजमाएगी. MP में सीएम चेहरे के लिए चल रही चर्चाओं पर जल्द विराम लगने की उम्मीद है.

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छत्तीसगढ़ में CM के नाम का ऐलान हो चुका है, जबकि MP में सस्पेंस बरकरार है छत्तीसगढ़ में CM के नाम का ऐलान हो चुका है, जबकि MP में सस्पेंस बरकरार है

सुमी राजाप्पन / रवीश पाल सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:09 AM IST

छत्तीसगढ़ में कई दिनों की जद्दोजहद के बाद आज सीएम के नाम का ऐलान हो गया है. विधायक दल की बैठक में विष्णुदेव साय के नाम पर सहमति जताई गई. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने विष्णुदेव साय के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसे सर्वसम्मति से मान लिया गया. मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होने के बाद विष्णुदेव साय राज्यपाल से मिले. माना जा रहा है कि जल्द ही शपथ की तारीख का भी ऐलान किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में भले ही सीएम चुन लिया गया हो, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी भी सस्पेंस बरकरार है. सवाल उठ रहे हैं कि मध्य प्रदेश में किसका राज होगा. क्या एमपी में शिवराज ही सीएम बने रहेंगे या पार्टी नया चेहरा आजमाएगी. इस तरह के कयासों का दौर जारी है. इन अटकलों और चर्चाओं के बीच शिवराज सिंह चौहान अपनी ताकत दिखा रहे हैं.

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एमपी में सीएम चेहरे के लिए चल रही चर्चाओं पर जल्द विराम लगने की उम्मीद है, क्योंकि सोमवार को विधायक दल की बैठक होनी है. इसमें सीएम का नाम तय होने की उम्मीद है. मध्य प्रदेश की सियासत में सबकी नजरें मुख्यमंत्री पद पर जमी हुई हैं. सस्पेंस गहरा है तो कोशिशें भी जारी हैं. शिवराज लगातार तस्वीरों के जरिए आलाकमान को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वही मध्य प्रदेश के लोकप्रिय नेता हैं. वही 2024 में बीजेपी के एजेंडे में फिट बैठते हैं.

जहां बीजेपी कमजोर वहां दौरा कर रहे शिवराज

शिवराज सिंह चौहान लगातार उन इलाकों का दौरा कर रहे हैं, जहां बीजेपी कमजोर है. पहले वह कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा गए. फिर श्योपुर का दौरा किया. दिग्विजय के गढ़ राघोगढ़ में भी सभा की. लगातार लाडली बहनों से मुलाकात कर रहे हैं. यानी आधी आबादी से लेकर 2024 के एजेंडे तक शिवराज कहीं न कहीं खुद को साबित करने की कोशिश कर रहे हैं.

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मध्य प्रदेश में चंद घंटों का इंतजार

मध्य प्रदेश में बहुमत का आंकडा 116 है, लेकिन बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत हासिल करके दो तिहाई बहुमत हासिल किया है. अब सीएम चेहरे के लिए पर्यवेक्षकों के साथ विधायकों की बैठक का इंतजार है. देश के दिल मध्य प्रदेश में इस बार कमल तो खिल गया है, लेकिन बतौर सीएम किस्मत किसकी खिलेगी, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन चंद घंटों के भीतर ये भी साफ हो जाएगा कि मध्य प्रदेश में एक बार फिर से 'मामा राज' आएगा या फिर सीएम पद का ताज किसी और के हिस्से में जाएगा.

छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 2 डिप्टी सीएम बनाए

बता दें कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 2 डिप्टी सीएम बनाए हैं विजय शर्मा और ओबीसी समुदाय से आने वाले अरुण साव. इसके साथ ही पूर्व सीएम रमन सिंह को स्पीकर बनाया गया है. सीएम के नाम के ऐलान के बाद विष्णुदेव साय ने कहा कि 'सबसे पहले बीजेपी का आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जिन्होंने गांव के छोटे से कार्यकर्ता पर इनता विश्वास किया. विधायकों का भी आभार. मैं पूरी ईमानदारी से काम करने का प्रयास करूंगा और मोदी की गारंटी को पूरा करूंगा.'

विधायकों ने जताई साय के नाम पर सहमति

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3 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के चुनावी नतीजे आए, तो बीजेपी ने सभी को चौंकाते हुए बहुमत हासिल कर लिया. इसके बाद से ही प्रदेश में सीएम पद को लेकर लगातार मंथन चल रहा था. सीएम पद के लिए सबसे मुफीद चेहरे पर विचार हो रहा था. पर्यवेक्षक के तौर पर अर्जुन मुंडा ने विधायकों से राय ली तो विष्णुदेव के नाम पर ही सभी विधायकों की सहमति दिखी.

2024 की चुनावी जंग में उतरने की तैयारी?

चुनावी नतीजों के बाद से ही इस बात की चर्चा थी कि बीजेपी इस बार छत्तीसगढ़ की कमान किसी आदिवासी नेता के हाथ में सौंप सकती है. ऐसे में विष्णुदेव साय ऐसा चेहरा हैं, जिसके पास केंद्रीय मंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक का अनुभव है और प्रदेश के नेताओं का समर्थन भी है. सीएम चेहरा तय होने के बाद अब बीजेपी अपने सभी चुनावी वादे पूरे करने का दावा कर रही है. साथ ही नए सीएम के साथ 2024 की चुनावी जंग में भी उतरने की तैयारी कर रही है. छत्तीसगढ़ के सीएम के तौर पर एक आदिवासी चेहरे पर भरोसा जताकर बीजेपी ने अपने एजेंडे को भी आगे बढ़ा दिया है, जो 2024 के चुनाव में बीजेपी को आदिवासी बहुल इलाकों में बड़ी बढ़त दिला सकता है. दरअसल, छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें आती हैं. बीजेपी की कोशिश है कि आदिवासी वोटबैंक के जरिए वो सभी सीटों पर कब्जा जमाए. 

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(रिपोर्ट- आजतक ब्यूरो)

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