राजनीतिक पार्टी बनाएंगे चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर? 12 नवंबर को कर सकते हैं ऐलान

चुनाव रणनीतिकार पीके की जन सुराज पदयात्रा के एक महीने पूरे हो गए हैं. पदयात्रा के एक महीने पूरे होने पर पीके ने कहा है कि वे राजनीतिक दल के गठन को लेकर 11 या 12 नवंबर तक फैसला लेंगे.

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प्रशांत किशोर (फाइल फोटोः पीटीआई) प्रशांत किशोर (फाइल फोटोः पीटीआई)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 02 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानी पीके इन दिनों पदयात्रा पर निकले हैं. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल होकर अपने सियासी सफर का आगाज करने वाले पीके ने कुछ ही दिनों में पार्टी से किनारा कर लिया था. बाद में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मैराथन बैठकों का दौर चला लेकिन बात नहीं बनी और पीके ने खुद सामने आकर ये ऐलान किया कि वे देश की सबसे पुरानी पार्टी में शामिल नहीं होंगे.

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पीके ने सियासी सक्रियता के संकेत दे दिए थे और गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को पदयात्रा पर निकल गए थे. पीके ने ये भी कहा था कि 3500 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी होने के बाद वे जनता के मिजाज को देखते हुए राजनीतिक दल के गठन को लेकर कोई फैसला करेंगे. अब पदयात्रा के एक महीने पूरे होने पर पीके ने कहा है कि वे राजनीतिक दल बनाने को लेकर 11 या 12 नवंबर को ही निर्णय ले लेंगे.

बिहार में 2 अक्टूबर को जन सुराज अभियान के बैनर तले पीके की पदयात्रा के 31 दिन पूरे हो गए हैं. 31वें दिन में प्रवेश करते ही पीके ने 300 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर ली. चुनाव रणनीतिकार पीके ने पश्चिम चंपारण के लौरिया में मीडिया से बात करते हुए कहा है कि वे जल्द ही जन सूरज अभियान के जिला सम्मेलन की बैठक के बाद 11 या 12 नवंबर को अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने को लेकर निर्णय लेंगे.

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पीके ने कहा कि जिला सम्मेलन के सभी प्रतिभागी राजनीतिक दल बनाने या न बनाने का फैसला करने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से मतदान करेंगे. अपनी पदयात्रा शुरू करने वाले पीके ने कहा है कि वे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव, दोनों के साथ-साथ बीजेपी के भी विरोध में हैं. पीके अपनी पदयात्रा के दौरान मतदाताओं से नीतीश, लालू के साथ ही 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी वोट न देने का आह्वान करते रहे हैं.

नीतीश पर हमलावर रहे हैं पीके

दिलचस्प बात यह है कि पीके अपनी पदयात्रा के दौरान नीतीश कुमार पर हमलावर नजर आए हैं. पीके ने सीएम नीतीश की तुलना पेंडुलम से करते हुए उन पर तंज किया कि वे बार-बार पाला बदलते हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि संभावना है कि एक बार फिर से नीतीश पाला बदल सकते हैं और बीजेपी के साथ फिर से गठबंधन कर सकते हैं.

पीके ने ये भी कहा था कि नीतीश कुमार किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री की कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं. चाहे उसके लिए उन्हें कोई भी समझौता करना पड़े. पीके ने लालू यादव की पार्टी आरजेडी और केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा.

 

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