जातीय जनगणना: सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाए जाने पर मुकेश सहनी नाराज, चिराग पासवान भी रहे नदारद

बुधवार को नीतीश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति के साथ बिहार में जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया गया है. ऐसे में बहुत जल्दी कैबिनेट की बैठक होगी.

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बिहार में जातीय जनगणना को हरी झंडी बिहार में जातीय जनगणना को हरी झंडी

रोहित कुमार सिंह / सुजीत झा

  • पटना,
  • 01 जून 2022,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST
  • बिहार में जातीय जनगणना को हरी झंडी
  • बैठक में नहीं बुलाए जाने से सहनी नाराज
  • चिराग पासवान को भी नहीं मिला निमंत्रण

Caste Census in Bihar: जातीय जनगणना के मुद्दे पर बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में 'विकासशील इंसान पार्टी' को नहीं बुलाया गया और इसको लेकर पार्टी सुप्रीमो मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) बेहद नाराज हैं. सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाए जाने से नाराज मुकेश सहनी ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है.

हालांकि, सहनी ने सर्वदलीय बैठक में जातीय जनगणना को मिली हरी झंडी का स्वागत किया है लेकिन इसी के साथ यह भी कहा कि जब पिछले साल जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार का सर्वदलीय शिष्टमंडल मिला था उस वक्त वो उसका हिस्सा थे मगर मंगलवार को जो सर्वदलीय बैठक हुई उसमें वीआईपी को निमंत्रण नहीं मिला जो कि समझ से परे है.

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सहनी ने कहा कि वह इस बात के पक्षधर रहे हैं कि बिहार में जातीय जनगणना होनी चाहिए और वह इस मुद्दे पर हमेशा नीतीश कुमार के साथ खड़े रहे हैं. सहनी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाए जाने को लेकर उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी को एक पत्र भी लिखा है.

उन्होंने कहा कि बिहार में अलग-अलग सामाजिक वर्ग का कई राजनीतिक पार्टियां प्रतिनिधित्व करती हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में जिन राजनीतिक दल को जनसमर्थन प्राप्त हुआ था, भले उनका कोई विधायक हो ना हो, उनकी राय और विचार बैठक में लिया जाना चाहिए था. मैं खुद अभी बिहार विधान परिषद का सदस्य हूं. 

सन ऑफ मल्लाह के नाम से बिहार की सियासत में मशहूर हुए पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के सितारे इन दिनों गर्दिश में हैं. इन दिनों मुकेश जिस चीज को हाथ लगाते हैं, वो उनके हाथ से फिसल जाती है. जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुकेश मुखर थे. उन्हें लगता था कि इसी मुद्दे के सहारे बिहार की सियासी चर्चाओं में वो भी शामिल होंगे, लेकिन उन्हें बुलाया ही नहीं गया. वीआईपी के इस नेता का कहना है कि राज्य के इस महत्वपूर्ण विषय पर सर्वदलीय बैठक में राज्य के सभी दलों से विमर्श करना चाहिए.

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गौरतलब है, जातीय जनगणना पर बुलाए गए सर्वदलीय बैठक में सांसद चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को भी आमंत्रित नहीं किया गया था. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने कहा जानकारी नहीं है कि आखिर किस कारण से सरकार ने की पार्टी को सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं करने का निर्णय लिया.

 

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