फरमान वापस: खुले में शौच करने वालों की फोटो नहीं लेंगे बिहार के शिक्षक

दरअसल, बिहार सरकार के इस फैसले के बाद बवाल काफी बढ़ गया और बुधवार को ही शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने बैकफुट पर आते हुए कहा कि शिक्षक समाज के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हैं इसी वजह से उन्हें खुले में शौच करने वाले लोगों को ऐसा नहीं करने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए कहा गया है मगर ऐसा करने वाले लोगों को शर्मिंदा करने के लिए उनकी तस्वीरें लेने वाली बात को शिक्षा मंत्री ने सिरे से गलत बताया.

Advertisement
फरमान वापस: खुले में शौच करने वालों की फोटो नहीं लेंगे बिहार के शिक्षक फरमान वापस: खुले में शौच करने वालों की फोटो नहीं लेंगे बिहार के शिक्षक

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 24 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को बिहार में किस तरीके से सफल बनाया जाए इसको लेकर पिछले दिनों बिहार सरकार ने एक फरमान जारी किया जिसमें कहा गया कि सरकारी शिक्षक सुबह और शाम खुले में शौच करने वाले लोगों को ऐसा नहीं करने के लिए जागरुक करेंगे और जरूरत पड़ी तो खुले में शौच करने वाले लोगों को शर्मिंदा करने के लिए उनकी तस्वीरें भी खींचेंगे. राज्य सरकार के इस फैसले का कई शिक्षक संगठनों ने विरोध किया जिसके बाद सरकार को गुरुवार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा है.

Advertisement

दरअसल, बिहार सरकार के इस फैसले के बाद बवाल काफी बढ़ गया और बुधवार को ही शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने बैकफुट पर आते हुए कहा कि शिक्षक समाज के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हैं इसी वजह से उन्हें खुले में शौच करने वाले लोगों को ऐसा नहीं करने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए कहा गया है मगर ऐसा करने वाले लोगों को शर्मिंदा करने के लिए उनकी तस्वीरें लेने वाली बात को शिक्षा मंत्री ने सिरे से गलत बताया.

शिक्षा मंत्री की तरफ से मिले इस संदेश के बाद सबसे पहले मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी ने एक नया आदेश निकालकर पहले के आदेश को वापस ले लिया.

बिहार सरकार ने पहले जो आदेश जारी किया था उससे शिक्षक काफी नाराज थे और उनका कहना था कि खुले में शौच करने वाले लोगों को जागरुक करने की बात तो सही है मगर ऐसा करने वाले लोगों की तस्वीर लेना उनके लिए जोखिम भरा काम हो सकता है और इसी वजह से कई शिक्षक संघों ने बुधवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर सरकार से आग्रह किया था कि वह अपने आदेश को वापस ले ले.

Advertisement

विपक्षी दलों ने भी बिहार सरकार के आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि नीतीश सरकार ने शिक्षकों के पीटने का इंतजाम कर दिया है. हालांकि, बिहार सरकार के अपने फैसले को वापस लेने के बाद शिक्षकों ने राहत की सांस ली है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement