बिहारः वीआईपी से बीजेपी में शामिल हुए विधायक राजू सिंह ने मुकेश सहनी को कहा 'लंगूर'

Bihar Politics: बीजेपी विधायक राजू सिंह ने कहा, 'लंगूर कौन सा अंगूर पाने के लिए किस के पीछे जाता है यह सबके सामने है. चुनाव हारने के बाद भी मंत्री बने तो फिर समझ लीजिए कि लंगूर कौन होगा.'

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विधायक राजू सिंह (File Pic) विधायक राजू सिंह (File Pic)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 24 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST
  • मुकेश सहनी की पार्टी के 3 विधायक बीजेपी में शामिल हुए हैं
  • 2020 में बीजेपी के साथ गठबंधन में मुकेश सहनी ने लड़ा था चुनाव

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के रण में बीजेपी के खिलाफ किस्मत आजमाने वाले बिहार के पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) को अब पार्टी नेताओं से नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. पहले बीजेपी ने उनसे बोचहां विधानसभा सीट छीन ली, इसके बाद उनके तीनों विधायकों ने विकासशील इंसान पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. 

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अब वीआईपी से बीजेपी में शामिल हुए विधायक राजू सिंह (Raju Singh) ने गुरुवार को सहनी पर हमला बोला है. राजू सिंह ने अपनी पुरानी पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी को लंगूर बताया है.

मुकेश सहनी पर तंज कसते हुए राजू सिंह ने कहा कि 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी चुनाव हार गए थे, मगर इसके बावजूद बीजेपी ने उनको मंत्री बनाया जिससे साफ स्पष्ट होता है कि आखिर अंगूर पाने के लिए कौन लंगूर बना था?

पार्टी छोड़ने वाले विधायकों पर सहनी ने कसा था तंज

दरअसल, अपनी पार्टी के तीनों विधायक राजू सिंह, सुवर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव के पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही सहनी काफी नाराज है और उन्होंने बीजेपी में शामिल होने वाले तीनों विधायकों को लेकर गुरुवार को कहा था कि अंगूर के पीछे लंगूर तो ज्यादा ही हैं.

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निजी कंपनी की तरह पार्टी चला रहे थे सहनी

इस दौरान राजू सिंह ने आरोप लगाया कि जब वह वीआईपी में थे तो मुकेश सहनी पार्टी को निजी कंपनी के जैसे चला रहे थे और ऐसे पार्टी में रहना उन्हें गवारा नहीं था. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद राजू सिंह ने कहा कहा, 'हम लोगों ने जब 2020 में चुनाव लड़ा था तो बीजेपी के पृष्ठभूमि और एनडीए के पृष्ठभूमि पर ही चुनाव लड़ा था. हम लोग तो वापस अपने घर आए हैं.'

बीजेपी विधायक ने कहा, 'हम आत्म सम्मान से समझौता नहीं कर सकते थे, इसलिए बीजेपी में आ गए. बीजेपी में आने का फैसला मैंने, विधायक मिश्री लाल यादव, विधायक स्वर्णा सिंह ने खुद लिया है. यह किसी के दवाब में नहीं है.'

 

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