बिहार: न्यायिक सेवा परीक्षा में तीन भाई-बहनों का कमाल, पहली कोशिश में बने अधिकारी

बिहार के दरभंगा में एक ही परिवार के तीन भाई-बहनों ने सफलता का झंडा गाड़ दिया. पहले ही प्रयास में तीन भाई-बहन बिहार न्यायिक सेवा की परीक्षा पास कर अधिकारी बन गए. इसकी खबर मिलते ही उनके परिवार में जश्न का दौर शुरू हो गया है.

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एक ही परिवार के तीन छात्र बने अधिकारी एक ही परिवार के तीन छात्र बने अधिकारी

प्रह्लाद कुमार

  • दरभंगा,
  • 11 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 9:50 PM IST

बिहार लोक सेवा आयोग की 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में एक ही परिवार के तीन बच्चों ने सफलता का परचम लहराया है. इसके बाद उनके गांव में जश्न का दौर शुरू हो गया है.

इस परीक्षा में दरभंगा की दो सगी बहनों कुमारी शिप्रा और नेहा कुमारी ने सफलता हासिल की है. वहीं, उनके चचेरे भाई अनंत कुमार को भी कामयाबी मिली है. एक ही परिवार से तीन भाई-बहनों के सफल होने के बाद इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई.

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घरवालों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर इस सफलता का जश्न मनाया. लंबे समय के बाद बिहार लोक सेवा आयोग की 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा का अंतिम परिणाम सोमवार देर रात जारी किया गया. इसमें अनंत कुमार, चचेरी बहनों कुमारी शिप्रा और नेहा कुमारी ने सफलता का परचम लहरा दिया. 

पहले प्रयास में मिली सफलता

जानकारी के अनुसार तीनों भाई-बहनों ने यह सफलता अपने पहले ही प्रयास में हासिल की है. इससे उनकी खुशी दोगुनी हो गई. तीनों ने एलएलएम तक की पढ़ाई की है और चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्रा रहे हैं.

न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली दोनों बहनों के पिता सुरेंद्र लाल दरभंगा में ही रहते हैं. वह पुलिस इंस्पेक्टर पद से रिटायर्ड हो चुके हैं. उनकी दोनों बेटियां कुमारी शिप्रा और नेहा कुमारी ने न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर पिता की खुशी को दोगुना कर दिया.

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इसी परीक्षा में सफल होने वाले चचेरे भाई अनंत कुमार के पिता अजय कुमार शिक्षक हैं. वह दरभंगा के मथुरापुर मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात हैं.

चाचा की प्रेरणा से मिली सफलता

इस परीक्षा में सफल होने वाले तीनों भाई-बहनों की सफलता में उनके चाचा उदय लाल देव का अहम योगदान है. वह पेशे से वकील हैं और दरभंगा कोर्ट में वकालत करते हैं. 

चाचा ने तीनों बच्चों को न्यायिक सेवा के बारे में बताया. परीक्षा को पास करने के लिए वह बच्चों को इसकी तैयारी के लिए घर पर ही टिप्स भी देते थे. उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि तीनों भाई-बहन पहले ही प्रयास में सफल हो गए.

 

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