कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति पूरी तरह फिट होता है और किसी भी दिक्कत के बावजूद स्ट्रोक जैसी कोई बड़ी मेडिकल कंडीशन सामने आ जाती है. हो सकता है कि आप सब कुछ ठीक कर रहे हों या शायद आपको ऐसा लग रहा हो लेकिन फिर भी आप पर खतरा मंडरा रहा है.
इससे बचने के लिए छिपे हुए कारणों को जानना जरूरी है जिन पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है. अंग्रेजी वेबसाइट 'हिंदुस्तान टाइम्स' के साथ बातचीत में पटियाला के मणिपाल अस्पताल में सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट कंसेल्टेंट डॉ. सतवंत सचदेवा ने बताया कि कुछ छिपे हुए फैक्टर्स हैं जो हेल्दी दिखने वाले व्यक्तियों में भी स्ट्रोक के जोखिम को चुपचाप बढ़ा देते हैं.
स्ट्रोक क्या है और कैसे आता है
इसके बारे में उन्होंने कहा, 'स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग में ब्लड फ्लो बाधित होता है जिससे दिमाग को जरूरी ऑक्सिजन और कई जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा मिलना कम हो जाती है.'
स्ट्रोक के क्या लक्षण होते हैं
चेहरे का लटकना
शरीर के एक हिस्से का अचानक सुन्न पड़ता या कमजोरी
बोलने में कठिनाई
अचानक और तेज सिरदर्द
चक्कर आना या संतुलन खोना
देखने में परेशानी
स्ट्रोक के कारण
न्यूरोलॉजिस्ट ने आगे कहा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज स्ट्रोक के दो सामान्य कारण हैं लेकिन तनाव, डिहाइड्रेशन और जेनेटिक फैक्टर्स जैसे छिपे हुए कारण भी इसे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं जो चुपचाप शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं और बिना किसी चेतावनी के व्यक्ति को स्ट्रोक की ओर धकेल सकते हैं.
तनाव बढ़ा सकता है स्ट्रोक का रिस्क
डॉ. सचदेवा ने बताया, 'लॉन्ग टर्म तनाव और नींद की कमी कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाते हैं जो ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है और ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है. जब आप नियमित रूप से तनावग्रस्त रहते हैं तो आपका शरीर तनाव की स्थिति में रहता है, तनाव हार्मोन, कोर्टिसोल का उत्पादन करता है जो आपकी ब्लड वेसल्स को कमजोर करता है जिससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और परिणामस्वरूप स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है.'
शरीर में पानी की कमी खतरनाक
उन्होंने आगे कहा कि दूसरा बड़ा फैक्टर है डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी. जैसे ही आप डिहाड्रेट होते हैं, खून गाढ़ा हो जाता है और शरीर में थक्के जमने लगते हैं.
डॉ. सचदेवा के अनुसार, धूम्रपान, क्रैश डाइटिंग या अत्यधिक व्यायाम जैसी अनहेल्दी आदतें भी स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं.
स्ट्रोक से बचाव के ये तरीके जरूर अपनाएं
जीवनशैली में कुछ आसान बदलावों की मदद से स्ट्रोक को रोका जा सकता है.
हेल्दी रक्त प्रवाह बनाए रखने के लिए दिन भर पर्याप्त पानी पिएं.
दिल में कोई दिक्कत ना हो रही है, इसकी जांच के लिए नियमित जांच करवाएं
अगर आपके परिवार में स्ट्रोक या परिवार में किसी को ब्लड क्लॉट्स जमने की समस्या रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें और उनसे सलाह ले.
धूम्रपान, शराब और क्रैश डाइटिंग से बचें. इसके बजाय संतुलित पौष्टिक भोजन और रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करें.
हर दिन कम से कम 30 मिनट की मीडियम इंटेसिटी की फिजिकल एक्टिविटी ब्लड वेसल्स को हेल्दी रखने में मदद करती हैं.
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