200 पार ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ाता है हार्ट अटैक का खतरा, अपनी थाली में आज ही बदलें ये चीजें

ट्राइग्लिसराइड्स खून में पाया जाने वाला फैट है जो दिल की बीमारियों, फैटी लिवर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है. यह मुख्य रूप से अधिक कैलोरी के सेवन और गलत लाइफस्टाइल की वजह से बढ़ता है. मिठाई, तला-भुना भोजन, शराब और अधिक कार्बोहाइड्रेट से बचकर, साथ ही नियमित व्यायाम और सही खान-पान से इसे नियंत्रित किया जा सकता है.

Advertisement
कोलेस्ट्रॉल ही नहीं, जानलेवा है बढ़ा हुआ ट्राइग्लिसराइड(PHOTO:ITG) कोलेस्ट्रॉल ही नहीं, जानलेवा है बढ़ा हुआ ट्राइग्लिसराइड(PHOTO:ITG)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:52 PM IST

Triglycerides Levels: जब भी दिल की बीमारी, हार्ट अटैक या ब्लड रिपोर्ट की बात होती है तो ज्यादातर लोगों की नजर सिर्फ कोलेस्ट्रॉल पर टिक जाती है. LDL बढ़ा है या HDL कम है, बस यही फिक्र सताने लगती है. लेकिन सच्चाई यह है कि आज के समय में हार्ट अटैक के कई मामलों के पीछे एक खामोश लेकिन खतरनाक वजह ट्राइग्लिसराइड्स भी होती है, जिस पर लोग ध्यान ही नहीं देते.

Advertisement

कई लोगों की रिपोर्ट में कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल होता है, फिर भी उन्हें हार्ट अटैक आ जाता है. ऐसे मामलों में डॉक्टर अक्सर देखते हैं कि ट्राइग्लिसराइड्स काफी ज्यादा होते हैं. वजह साफ है  हमारी लाइफस्टाइल. ज्यादा मीठा खाना, तला-भुना फूड, शराब, घंटों बैठकर काम करना और स्ट्रेस… ये सब मिलकर शरीर में फैट को खून के रास्ते जमा करने लगते हैं.

 ट्राइग्लिसराइड्स क्या होता है?

ट्राइग्लिसराइड्स असल में वह फैट है, जो शरीर तब बनाता है जब हम जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेते हैं. ये फैट खून में घूमता रहता है और धीरे-धीरे दिल, लिवर और नसों को नुकसान पहुंचाता है. राहत की बात यह है कि इसे कम करने के लिए हर बार दवा जरूरी नहीं होती. अगर समय रहते खान-पान और आदतों में छोटे-छोटे बदलाव कर लिए जाएं, तो ट्राइग्लिसराइड्स नेचुरल तरीके से काफी हद तक कंट्रोल किए जा सकते हैं.

Advertisement

हेल्दी ट्राइग्लिसराइड स्तर 150 mg/dL से कम होना चाहिए, जिसमें 100 mg/dL से कम होना आदर्श माना जाता है; 150-199 mg/dL 'बॉर्डरलाइन हाई', 200-499 mg/dL 'हाई', और 500 mg/dL या उससे अधिक 'बहुत हाई' होता है. जो दिल की गंभीर बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है.
 

ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल में फर्क क्या है?

कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स दोनों ही हमारे खून में पाए जाने वाले फैट हैं, लेकिन इनके काम, सोर्स और शरीर पर असर अलग-अलग होते हैं. इन्हें समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि दोनों का बढ़ा हुआ स्तर दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है.


कोलेस्ट्रॉल

  • शरीर की कोशिकाएं और हार्मोन बनाने में मदद करता है
  • LDL (खराब) और HDL (अच्छा) दो तरह का होता है
  • ज्यादा LDL नसों में ब्लॉकेज बनाता है
  • ट्राइग्लिसराइड्स


ट्राइग्लिसराइड्स शरीर की एनर्जी का मुख्य सोर्स होते हैं.

  • जब हम जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेते हैं तो शरीर उन्हें ट्राइग्लिसराइड्स में बदलकर फैट के रूप में स्टोर कर लेता है.
  • ज्यादा ट्राइग्लिसराइड्स मोटापा, फैटी लिवर, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं.

ट्राइग्लिसराइड्स ज्यादा होने से क्या खतरे हैं?

  • हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा
  • फैटी लिवर की समस्या
  • डायबिटीज का रिस्क बढ़ना
  • पेट के आसपास चर्बी बढ़ना

बिना दवा ट्राइग्लिसराइड्स कैसे कम करें?

यूएसए के एमबीबीएस, एमडी, डिप्लोमा इन क्लिनिकल न्यूट्रिशन डॉ. श्रद्धेय कटियार ने इंस्टाग्राम पोस्ट में बिना दवा ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल करने की टिप्स दी है. उनके मुताबिक, मिठाई, केक, बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक, पैक्ड जूस और मीठी चाय-कॉफी हर तरह की चीनी बंद करें, क्योंकि चीनी ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ाने का सबसे तेज तरीका है.

Advertisement
  • सिर्फ 2–3 हफ्ते चीनी छोड़ने से रिपोर्ट में फर्क दिखने लगता है.
  •  शराब से दूरी बनाएं
  • थोड़ी-सी शराब भी ट्राइग्लिसराइड्स को अचानक बढ़ा देती है
  • लिवर शराब को पहले तोड़ता है
  • फैट बर्न करना बंद कर देता है

अगर ट्राइग्लिसराइड्स ज्यादा हैं, तो कम शराब पीना भी सुरक्षित नहीं.

तला-भुना खाना छोड़ें

  • समोसा, पकौड़े, चिप्स
  • फास्ट फूड और रिफाइंड तेल
  • ये सीधे लिवर पर दबाव डालते हैं और फैट को खून में बढ़ाते हैं.

हाई-कार्ब डाइट से बाहर निकलें

  • ज्यादा चावल, सफेद आटा और बार-बार खाने से ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ते हैं.
  • प्लेट को सिंपल रखें
  • प्रोटीन, सब्जियां और सीमित कार्ब्स लें

फ्रक्टोज से बचें

  • फ्रक्टोज सीधे ट्राइग्लिसराइड्स में बदलता है.
  • पैक्ड फूड
  • कॉर्न सिरप
  • फ्लेवर वाले ड्रिंक
  • फल ठीक हैं, लेकिन पैक्ड मीठे प्रोडक्ट नहीं.

रेजिस्टेंस ट्रेनिंग जोड़ें

  • सिर्फ वॉक काफी नहीं है.
  • हल्की वेट ट्रेनिंग
  • स्क्वैट, पुशअप, डम्बल एक्सरसाइज
  • ये खून से फैट खींचकर मसल्स में इस्तेमाल कराती हैं.

गलत संगत से दूरी बनाएं

  • यह बात अजीब लग सकती है, लेकिन सच है.
  • ज्यादा स्ट्रेस
  • गलत खान-पान
  • देर रात तक जागना

ये सब आदतें भी इंफेक्शन की तरह फैलती हैं और हार्मोन बिगाड़ती हैं. हालांकि अगर लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव के बाद भी आपका ट्राइग्लिसराइड्स कम होने की बजाय हाई बना हुआ है तो तुरंत अपने डॉक्टर से जांच करवाएं. हाई ट्राइग्लिसराइड्स को कम करना बहुत जरूरी है, इसलिए समय समय पर डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. वैसे डॉक्टर की सलाह के बिना अपनी डाइट में बदलाव नहीं करना चाहिए. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement