टाइगर अटैक का एक हैरान कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. वीडियो में एक टाइगर एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला कर उसे खींचकर झाड़ियों की ओर ले जाता हुआ नजर आ रहा है. वीडियो में दो और लोग अपनी जान बचाकर भागते हुए दिखाई देते हैं.
इसे शेयर करते हुए कुछ लोगों का कहना है कि ये घटना राजस्थान के रणथंभौर में हुई है. कुछ लोग इसे वन विभाग की लापरवाही भी बता रहे हैं. इन्हीं दावों के साथ ये वीडियो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर काफी वायरल है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि टाइगर अटैक का ये वीडियो असली नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI की मदद से बनाया गया है.
कैसे पता की सच्चाई?
हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें रणथंभौर में हाल-फिलहाल में हुई ऐसी किसी घटना के बारे में बताया गया हो. हालांकि ये सच है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व में टाइगर हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं. जहां तक बात वायरल वीडियो की है तो हमें इसमें कुछ गड़बड़ियां मिलीं जिससे ऐसा लगता है कि इसे AI की मदद से बनाया गया है.
मिसाल के तौर पर नीचे गिरी पड़ी एक बाइक की नंबर प्लेट पर अटपटे-से टेक्स्ट लिखें हैं जिन्हें पढ़ा नहीं जा सकता है. वीडियो में एक जगह टाइगर अटैक के शिकार हुए व्यक्ति के हाथ भी नजर नहीं आते हैं.
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये The Nature Attacks नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला. यहां इसे 20 नवंबर को अपलोड किया गया था. वीडियो में “Altered or synthetic content” का लेबल लगा हुआ है. इसके अलावा कैप्शन में AI और Sora जैसे हैशटैग्स का भी इस्तेमाल किया गया है. Sora, ओपनएआई कंपनी का वीडियो जेनरेशन मॉडल है. इसके जरिए AI जेनरेटेड वीडियो बनाए जा सकते हैं.
इसके बाद हमने इस वीडियो और इसके अलग-अलग फ्रेम्स को AI डिटेक्टर टूल से टेस्ट किया. Hive Moderation और Sightengine दोनों ही टूल ने इसे 99 फीसदी AI से बना हुआ बताया.
साफ है कि टाइगर अटैक के इस AI जेनरेटेड वीडियो को असली बताकर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है.
फैक्ट चेक ब्यूरो