कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कुछ लोग कह रहे हैं कि उन्होंने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को नाटक बताते हुए उनका अपमान किया है.
वीडियो में राहुल कहते दिखते हैं, "जब ओडिशा में जगन्नाथ यात्रा निकलती है. आप सोचिये, रथ निकलता है, जगन्नाथ यात्रा का रथ निकलता है. लाखों लोग, लाखों लोग उसको देखते हैं, उसके पीछे चलते हैं. और फिर एक ड्रामा होता है."
इसे शेयर करते हुए कई लोग राहुल गांधी की आलोचना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए भगवान जगन्नाथ का अपमान किया है.
एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "ओडिशा की धरती पर खड़े राहुल गांधी ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को बताया 'नाटक'! कांग्रेस ने आखिर वोट बैंक के लिए महाप्रभु का अपमान किया है, कांग्रेस ने ओडिशा के अनगिनत भक्तों और लोगों की भावनाओं को आहत किया है."
ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
वायरल पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक फेसबुक यूजर ने सवाल किया कि क्या राहुल इस तरह से मुहर्रम को ड्रामा बता सकते हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो राहुल गांधी के भाषण का एक छोटा-सा हिस्सा है, जिससे पूरी बात स्पष्ट नहीं हो रही है. असल वीडियो में वो उद्योगपति गौतम अडानी और उनके परिवार के लिए जगन्नाथ रथयात्रा रोके जाने का आरोप लगाते हुए इसे ड्रामा बता रहे थे.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
कीवर्ड सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन इंडियन नेशनल कांग्रेस के आधिकारिक फेसबुक पेज पर मिला. वीडियो को इस पेज से 11 जुलाई को लाइव स्ट्रीम किया गया था. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ये वीडियो ओडिशा की राजधानी भुबनेश्वर में आयोजित 'संविधान बचाओ समावेश' कार्यक्रम से संबंधित है.
ये वीडियो देखकर हमें पता लगा कि असल में राहुल, भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा अडानी के लिए रुकवाए जाने का आरोप लगाते हुए इसे एक ड्रामा बता रहे थे. उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहीं भी रथयात्रा को नाटक या ड्रामा नहीं कहा.
कांग्रेस के फेसबुक पेज पर मौजूद वीडियो में, वायरल वीडियो वाला हिस्सा 26 मिनट 05 सेकेंड के बाद देखा जा सकता है. इसमें राहुल कहते हैं, "जब ओडिशा में जगन्नाथ यात्रा निकलती है. आप सोचिये, आप सोचिये, रथ निकलता है, जगन्नाथ यात्रा का रथ निकलता है. लाखों लोग, लाखों लोग उसको देखते हैं, उसके पीछे चलते हैं. और फिर एक ड्रामा होता है. रथ को अडानी जी और उनके परिवार के लिए रोका जाता है. इससे आपको ओडिशा की सरकार के बारे में सब कुछ समझ आ जाएगा. ये ओडिशा की सरकार नहीं है. ये आपकी सरकार नहीं है. ये अडानी जैसे पांच-छह अरबपतियों की सरकार है."
असली वीडियो देखकर ये बात समझी जा सकती है कि जिस हिस्से में राहुल, अडानी के बारे में बात कर रहे थे, वो जानबूझकर हटा दिया गया है.
राहुल के इस बयान के बारे में कई खबरें भी छपी हैं.
कांग्रेस ने भी वायरल वीडियो को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसे नीचे देखा जा सकता है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार गौतम अडानी और उनके परिवार ने 28 जून को रथयात्रा में हिस्सा लिया था.
'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक, ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "राहुल गांधी के दावे गलत और आधारहीन हैं." इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि भगवान बालभद्र का रथ एक दूसरे रास्ते से ले जाया गया था क्योंकि रास्ते में एक ऊंचा-नीचा मोड़ आ गया था. इसी वजह से भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा के रथों को खींचने में देरी हो गई थी.
गौरतलब है कि भगवान जगन्नाथ के रथ के आगमन में देरी को लेकर जून में भी कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि ऐसा इसलिये किया गया ताकि गौतम अडानी का परिवार यात्रा में शामिल हो सके.
इस तरह हमारी पड़ताल से ये बात साबित हो जाती है कि राहुल गांधी के एक अधूरे वीडियो को शेयर करते हुए लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है.
ज्योति द्विवेदी