फैक्ट चेक: क्या इटावा वाले मामले के बाद यादव समुदाय की महिला ने कथा सुनने गई ब्राह्मण महिलाओं को पीटा? जानें असलियत

इटावा में कथावाचकों से बदसलूकी के मामले से जोड़कर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो झूठा है. जांच में सामने आया कि यह वीडियो झारखंड के धनबाद का है, जहां चोरी के शक में महिलाओं की पिटाई हुई थी. इस घटना का जाति से कोई संबंध नहीं है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
यादवों द्वारा कराई जा रही कथा में ब्राह्मण महिलाएं पहुंच गईं, जिस कारण वहां मौजूद यादव समुदाय की एक महिला ने उन्हें पीट दिया.
सच्चाई
ये वीडियो झारखंड के धनबाद का है जहां एक कलशयात्रा के दौरान कुछ महिलाओं को गहने चोरी के आरोप में पीटा गया था.

अर्जुन डियोडिया

  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2025,
  • अपडेटेड 8:22 PM IST

इटावा में कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी वाले मामले से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें किसी कमरे में एक महिला, जमीन पर बैठी कुछ अन्य महिलाओं को डंडे से पीट रही है.

कहा जा रहा है कि यादवों द्वारा कराई जा रही कथा में ब्राह्मण महिलाएं पहुंच गईं, जिस कारण वहां मौजूद यादव समुदाय की एक महिला ने उन्हें पीट दिया. 

Advertisement

वीडियो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “यादव के कथा में ब्राह्मण महिलाएं पहुचे तो यादव महिला उसको मरने लगे पर हैं तो हिन्दू धर्म ना इतना नफरत क्यूँ जब से BJP की सरकार आया है तब से नफरती चालू हुआ है और इसका जिम्मेदार कोण हैं”. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. 

दरअसल, यूपी के इटावा में कथावाचक मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव से बदसलूकी का मामला आजकल काफी चर्चा में है. कथावाचकों का कहना है कि यादव जाति से होने की वजह से ऊंची जाति के लोगों ने उनके सिर मुंडवाकर उनके साथ मारपीट की. वहीं, भागवत कथा में शामिल रही एक महिला का कहना है कि कथावाचक ने उसके साथ अभद्रता की थी, जिससे नाराज होकर ग्रामीणों ने ये कदम उठाया. 

ये भी कहा जा रहा है कि कथावाचक ने पहले खुद को ब्राह्मण बताकर लोगों से झूठ बोला था. फिलहाल, मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.  

Advertisement

पुलिस ने मुकुट मणि यादव और संत कुमार यादव के खिलाफ भी FIR दर्ज कर ली है. कथावाचकों पर एक महिला से छेड़खानी और पहचान छिपाने के आरोप लगे हैं. 

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो झारखंड के धनबाद का है जहां एक कलश यात्रा में गहने चोरी के आरोप में एक महिला ने दूसरी कुछ महिलाओं को पीट दिया था. 

कैसे पता की सच्चाई?

वायरल वीडियो हमें 25 जून की जी बिहार झारखंड की वीडियो रिपोर्ट में मिला. इसमें बताया गया है कि ये घटना धनबाद के झरिया इलाके के सुदामडीह की है. यहां एक मंदिर में 9 दिवसीय यज्ञ चल रहा था.

इस दौरान यहां एक कलश यात्रा निकाली गई जिसमें कुछ महिलाओं को गहने चोरी के शक में दूसरी महिलाओं ने पकड़ लिया. इसके बाद उनकी पिटाई कर दी गई. पुलिस ने सभी आरोपी महिलाओं को हिरासत में ले लिया था. 

“22 स्कोप” नाम की एक न्यूज वेबसाइट की खबर के मुताबिक, कलश यात्रा के दौरान समिति की ओर से शरबत वितरण किया जा रहा था.  इसी भीड़भाड़ का फायदा उठाकर उषा देवी, सुचेता नारायण, बिंदु देवी, राज मुनि देवी और शांति देवी सहित कुल छह महिलाओं की सोने की चेन और मंगलसूत्र छीन लिए गए. आरोपी महिलाओं ने भागने की कोशिश की लेकिन वो पकड़ी गईं. 

Advertisement

किसी भी खबर में ये नहीं लिखा है कि इस मामले में जाति का एंगल था. पुष्टि करने के लिए हमने सुदामडीह पुलिस एसएचओ राहुल सिंह से बात की. उनका भी यही कहना था इस घटना में कोई जाति का एंगल नहीं है. राहुल के अनुसार, समारोह में हर जाति के लोग शामिल हुए थे. साथ ही, उन्होंने ये भी कहा कि आरोपी महिलाओं के पास से कोई गहने बरामद नहीं हुए थे इसलिए उन्हें छोड़ दिया गया था. 

इस तरह ये साफ हो जाता है कि इटावा वाले मामले की आड़ में वीडियो के साथ झूठा दावा किया जा रहा है.    

---- समाप्त ----

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement