अपने बेटे आर्यन खान के ड्रग मामले में फंसने के बाद से बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान लगातार खबरों में हैं. शाहरुख को लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं. इन्हीं में से अखबार की एक क्लिपिंग भी वायरल है, जिसमें शाहरुख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान का जिक्र किया गया है. क्लिपिंग के मुताबिक, मीर ताज मोहम्मद 1942 के "भारत छोड़ो आंदोलन" में सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानी में से एक थे. अब इस क्लिपिंग पर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स सवाल खड़े कर रहें है और शाहरुख के पिता के स्वतंत्रता सेनानी होने पर शक जता रहे हैं.
दावे के अनुसार, क्लिपिंग में लिखा है कि शाहरुख के जन्म के वक्त उनके पिता 30 साल के थे. शाहरुख 1965 में जन्में और "भारत छोड़ो आंदोलन" 1942 में शुरु हुआ. इस हिसाब से शाहरुख के पिता का जन्म 1935 में हुआ होगा और 1942 में वे छह साल के रहे होंगे. तो फिर सिर्फ छह साल की छोटी उम्र में शाहरुख के पिता का स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेना कैसे मुमकिन हो सकता है.
क्या है सच्चाई?
इंडिया टुडे ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा भ्रामक है. पहली बात तो यह कि अखबार की क्लिपिंग में कहीं पर भी ये नहीं लिखा कि शाहरुख के जन्म के वक्त उनके पिता 30 साल के थे. ये गलत जानकारी कैप्शन में अलग से जोड़ी गई है. शाहरुख के पिता का जन्म 1927 में हुआ था और 1942 में "भारत छोड़ो आंदोलन" के दौरान वो 15 साल के रहे होंगे. इसी कारण से उन्हें देश के सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भी कहा जाता है.
वायरल पोस्ट के कैप्शन में लिखा है "शाहरुख 1965 में पैदा हुआ.. भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में हुआ.. इस पत्रिका के अनुसार जब वो पैदा हुआ तब इसके अब्बू की उम्र 30 साल थी.. यानी कि 1942 में इसके अब्बू 6 साल के रहे होंगे। अब 6 साल की उम्र में शाहरुख खान के पिता भारत छोड़ो आंदोलन में क्या उखाड़ रहे थे, ज़रा यह सोचिए?" इस पोस्ट को फेसबुक और ट्विटर पर हजारों लोग शेयर कर चुके हैं. वायरल ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
कैसे की पड़ताल?
सबसे पहले हमने अखबार की कटिंग को ध्यान से पढ़ा. इसमें लिखा है कि विभाजन से पहले 16 साल की उम्र में शाहरुख के पिता पेशावर छोड़कर दिल्ली आ गए थे और खान अब्दुल गफ्फार खान के आजादी के आंदोलन से जुड़ गए थे. इसी तरह खबर में शाहरुख के पिता के बारे में और भी कई जानकारियां दी गई हैं. लेकिन कटिंग में इस बात का जिक्र नहीं है कि शाहरुख खान के पैदा होने के वक्त मीर ताज मोहम्मद 30 साल के थे. पोस्ट में 30 साल वाली बात अपने मन से जोड़ी गई है और उसी हिसाब से गणित लगाकर भ्रम फैलाया जा रहा है. ये लेख अफ्फान नोमानी नाम के एक लेखक ने "हिन्द न्यूज" अखबार के लिए 6 अक्टूबर को लिखा था.
कब हुआ था शाहरुख खान के पिता का जन्म?
शाहरुख खान ने 27 अक्टूबर 2014 को अपने पिता के जन्मदिन के मौके पर एक ट्वीट किया था. शाहरुख ने ट्वीट में लिखा था कि अगर उनके पिता जिंदा होते तो आज (2014 में) 87 साल के होते. इसका मतलब ये कि शाहरुख के पिता का जन्म 1927 में हुआ होगा और 1942 में वो 15 साल के होंगे, न कि छह साल के.
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने शाहरुख खान के पिता की कब्र की तस्वीर भी शेयर की है. कब्र पर भी उनके पिता के जन्म का साल 1927 लिखा है. 1965 में शाहरुख के जन्म के दौरान मीर मोहम्मद की उम्र 38 साल रही होगी.
स्वतंत्रता सेनानी मीर ताज मोहम्मद खान
शाहरुख के पिता के स्वतंत्रता सेनानी होने को लेकर हमें कई खबरें मिली. खबरों में भी बताया गया है कि मीर ताज मोहम्मद सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे. शाहरुख खान खुद भी अपने पिता को एक स्वतंत्रता सेनानी बताते हैं.
मीर ताज मोहम्मद के स्वतंत्रता सेनानी होने के बारे में हमें शाहरुख खान पर लिखी गई एक किताब "किंग ऑफ बॉलीवुड" में भी कई जानकारियां मिलीं. ये किताब फिल्म समीक्षक और पत्रकार अनुपमा चोपड़ा ने लिखी है. किताब के मुताबिक, मीर और उनके भाई अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले और फ्रंटियर गांधी के नाम से मशहूर खान अब्दुल गफ्फार खान के समर्थक थे.
मीर के बड़े भाई गम्मा एक नेता थे और अंग्रेजो के खिलाफ विरोध -प्रदर्शन और रैलियां आयोजित करते थे. अगस्त 1942 में कांग्रेस पार्टी ने "भारत छोड़ो आंदोलन" का आगाज किया जिसमें नेहरू और गांधी सहित सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनमें मीर ताज मोहम्मद और उनके भाई गम्मा भी थे. इसके बाद मीर पढ़ाई करने के लिए पेशावर से दिल्ली आ गए. किताब में लिखा हुआ है कि मीर मोहम्मद एक प्रमाणित स्वतंत्रता सेनानी थे. यह किताब archive.org पर उपलब्ध है.
कुछ दिनों पहले यह भ्रामक खबर भी फैली थी कि शाहरुख खान के नाना शाहनवाज खान ने भारत से गद्दारी की थी जिस कारण सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी. "आज तक" ने इस दावे का भी खंडन करते हुए खबर की थी. पड़ताल में सामने आया था कि शाहनवाज खान शाहरुख खान के सगे नाना इफ्तिखार अहमद के दूर के रिश्ते के भाई थे. उन्होंने शाहरुख की मां लतीफ फातिमा को गोद लिया था. शाहनवाज ब्रिटिश इंडियन आर्मी में अधिकारी थे लेकिन बाद में सुभाष चंद्र बोस से प्रभावित होकर आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए थे. कहीं पर भी ऐसा नहीं बताया गया है कि शाहनवाज खान ने भारत से गद्दारी की और उनकी वजह से आजाद हिंद फौज के सैनिकों को जान गवानी पड़ी थी.
यहां हमारी जांच में साबित हो जाता है कि वायरल पोस्ट में मनगढ़ंत बात लिखकर झूठ फैलाया जा रहा है. शाहरुख खान के पिता सचमुच आजादी के आंदोलन का हिस्सा रहे हैं. उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. शाहरुख के सिर्फ पिता ही नहीं बल्कि उनके परिवार के कुछ और लोग भी स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े थे.
अर्जुन डियोडिया