कतर ने 8 भारतीयों को किस मामले में सुनाई मौत की सजा, पढ़ें- इजरायल से क्या है कनेक्शन

कतर में गिरफ्तार किए गए आठ पूर्व भारतीय नौसेना के अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई है. भारत ने इस पर हैरानी जताई है. भारत का कहना है कि उन भारतीयों की रिहाई के लिए कानूनी विकल्प तलाशे जा रहे हैं. जानते हैं कि इन पूर्व अफसरों को गिरफ्तार क्यों किया गया था? और इसका इजरायल से क्या है कनेक्शन?

Advertisement
कतर में 8 पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर) कतर में 8 पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:27 PM IST

कतर में गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई है. भारत सरकार ने इस फैसले पर हैरानी जताई है.

भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं. हम फैसले की डिटेल्ड कॉपी का इंतजार कर रहे हैं. हम परिवार के सदस्यों और लीगल टीम के भी संपर्क में हैं. भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की तलाश की जा रही है.'

Advertisement

जिन आठ भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है, उन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च में उनपर जासूसी के आरोप तय किए गए थे. 

कौन हैं वो आठ पूर्व अफसर?

1. कैप्टन नवतेज सिंह गिल
2. कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा
3. कैप्टन सौरभ वशिष्ठ
4. कमांडर अमित नागपाल
5. कमांडर पूर्णेंदु तिवारी
6. कमांडर सुगुनाकर पकाला
7. कमांडर संजीव गुप्ता
8. रागेश

आरोप क्या हैं?

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, नौसेना के इन आठ पूर्व अफसरों को पिछले साल अगस्त में हिरासत में लिया गया था. 

पिछले साल 25 अक्टूबर को मीतू भार्गव नाम की महिला ने ट्वीट कर बताया था कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर 57 दिन से कतर की राजधानी दोहा में गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में हैं. मीतू भार्गव कमांडर पूर्णेंदु तिवारी की बहन हैं.

 

Advertisement

इन अफसरों पर कथित तौर पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है. कतर की न्यूज वेबसाइट अल-जजीरा के रिपोर्ट के मुताबिक, इन अफसरों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियां इजरायल को देने का आरोप है.

हालांकि, कतर सरकार की ओर से इन पूर्व अफसरों पर लगाए गए आरोपों को लेकर कुछ खास जानकारी भारत सरकार के साझा नहीं की गई है. 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक, इस साल 29 मार्च को इन पूर्व अफसरों के खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ था. तीन अक्टूबर को मामले में सातवीं सुनवाई हुई थी.

कतर में कर क्या रहे थे ये अफसर?

नौसेना से रिटायर्ड ये सभी अफसर दोहा स्थित अल-दहरा कंपनी में काम करते थे. ये कंपनी टेक्नोलॉजी और कंसल्टेसी सर्विस प्रोवाइड करती थी. साथ ही कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और सामान भी मुहैया कराती थी.

इस कंपनी को ओमान की वायुसेना से रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमीस अल आजमी चलाते थे. पिछले साल उन्हें भी इन भारतीयों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, नवंबर में उन्हें रिहा कर दिया गया था.

ये कंपनी इस साल 31 मई को बंद हो गई है. इस कंपनी में लगभग 75 भारतीय नागरिक काम करते थे, जिनमें ज्यादातर नौसेना के पूर्व अफसर थे. कंपनी बंद होने के बाद इन सभी भारतीयों को नौकरी से निकाल दिया गया.

Advertisement

पनडुब्बी से जुड़ा क्या है वो प्रोजेक्ट?

इन पूर्व अफसरों पर कथित तौर पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है. आरोप है कि कतर इटली के साथ सबमरीन को लेकर एक डील कर रहा था, जिसकी जानकारी इन अफसरों ने इजरायल को दी.

अल-जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, कतर जिन पनडुब्बियों की डील कर रहा है वो कथित तौर पर U212 नियर फ्यूचर सबमरीन का छोटा वर्जन है. इटली इस अत्याधुनिक सबमरीन को जर्मनी की मदद से बना रहा है. 

रिपोर्ट में कहा गया था कि इजरायल पूरे मिडिल ईस्ट में सैन्य प्रौद्योगिकियों को रोकना चाहता है, क्योंकि उसे डर है कि इससे उसकी सैन्य बढ़त कम हो सकती है. हालांकि, इजरायल ने इस मामले पर कुछ नहीं कहा था.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement