सेना में अफसरों के 6 हजार से ज्यादा पद खाली, नेवी एयरफोर्स में भी कमी... जानें क्या है इसकी वजह?

केंद्र सरकार के मुताबिक, भारतीय सेना में मेजर और कैप्टन रैंक के अफसरों के छह हजार से ज्यादा पद खाली हैं. सिर्फ सेना ही नहीं, बल्कि नौसेना और वायुसेना में भी हजारों अफसरों के पद खाली पड़े हैं. लेकिन क्या है इसकी वजह? जानते हैं...

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सरकार ने बताया है कि तीनों सेनाओं में कितने पद खाली हैं. (फाइल फोटो-PTI) सरकार ने बताया है कि तीनों सेनाओं में कितने पद खाली हैं. (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 10:42 PM IST

भारतीय सेना में अफसरों के छह हजार से ज्यादा पद खाली हैं. इतना ही नहीं, नौसेना और वायुसेना में भी बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हैं. अफसर ही नहीं, बल्कि तीनों सेनाओं में मेडिकल स्टाफ में भी हजारों की संख्या में वैकेंसी हैं.

ये सारी जानकारी केंद्र सरकार की ओर से संसद में दी गई है. लोकसभा में सरकार ने बताया कि भारतीय सेना में मेजर और कैप्टन रैंक की पोस्ट पर 6 हजार से ज्यादा पद खाली हैं.

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केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में बताया है कि सेना में मेजर के दो हजार और कैप्टन के साढ़े चार हजार से ज्यादा पद खाली हैं. इसी तरह से नौसेना में लेफ्टिनेंट कमांडर के 26सौ से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. वहीं, वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर के 800 और फ्लाइट लेफ्टिनेंट के 900 से ज्यादा पद खाली हैं.

क्यों खाली हैं ये पद?

रक्षा राज्य मंत्री ने हजारों की संख्या में खाली पड़े पद की दो वजहें बताई हैं. पहली वजह ये कि कोविड महामारी की वजह से भर्तियां नहीं हो रही हैं. 

और दूसरी वजह ये कि शॉर्ट सर्विस कमीशन में कम एंट्री रही. शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत कोई भी व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा 14 साल तक सेना में सेवा दे सकता है.

कोविड ने कैसे रोकी भर्तियां

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- केंद्र सरकार के मुताबिक, तीनों सेनाओं में हर साल 60 हजार से ज्यादा वैकेंसी निकलतीं हैं. 

- अगस्त 2022 में सरकार ने बताया था कि सेना में 1.15 लाख, नौसेना में करीब 15 हजार और वायुसेना में 6 हजार पद खाली हैं. 

- तीनों सेनाओं में सबसे ज्यादा भर्तियां सेना में ही होती है. सेना में भर्ती के लिए रैलियों का आयोजन होता है. इन रैलियों में युवा हिस्सा लेते हैं और इसके बाद कॉमन एंट्रेंस टेस्ट होता है.

- पिछले साल मार्च में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया था कि 2020-21 में 97 रैलियां होनी थीं, लेकिन 47 ही हुईं और सिर्फ 4 के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट हुआ.

- इसी तरह 2021-22 में 47 रैलियों का आयोजन करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इसमें से सिर्फ 4 रैलियां ही हो सकीं. सरकार का कहना था कि रैलियों बड़ी संख्या में युवा शामिल होते हैं और इससे कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.  

- हालांकि, कोविड की वजह से भले ही सेना में भर्तियां अटकी रहीं लेकिन नौसेना और वायुसेना में भर्ती जारी रही. पिछले साल सरकार ने संसद में बताया था कि 2020-21 और 2021-22 में कोरोना के कारण सेना में भर्ती नहीं हुई. लेकिन इसी दौरान नौसेना में 8,319 और वायुसेना में 13,032 भर्तियां हुईं.

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तीनों सेनाओं में मेडिकल स्टाफ की भी भारी कमी

- तीनों सेनाओं में मेडिकल स्टाफ में सैकड़ों पद खाली हैं. राज्यसभा में सरकार की ओर से दिए गए जवाब के मुताबिक, तीनों सेनाओं में डॉक्टर और नर्स के 701 पद खाली हैं. जबकि, पैरामेडिक स्टाफ के लगभग दो हजार पद खाली हैं.

- रक्षा राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि सेना में पैरामेडिक स्टाफ के 1,495 और नौसेना में 392 पद खाली हैं. जबकि, वायुसेना में 73 पद खाली हैं. 

 

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