ISIS से जैसे निपटा गया, वैसे ही Hamas से निपटा जाएगा! तैयार हो रहा है प्लान

इजरायल और हमास में जारी जंग के बीच अमेरिका एक नए प्लान में जुट गया है. हमास से निपटने के लिए अमेरिका अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने की तैयारी कर रहा है. ठीक इसी तरह का गठबंधन 2014 में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ बना था.

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हमास के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने की तैयारी कर रहा है अमेरिका. (फाइल फोटो) हमास के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने की तैयारी कर रहा है अमेरिका. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:15 PM IST

इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया. दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी संगठन. इससे निपटने के लिए लगभग 10 साल पहले अमेरिका ने एक गठबंधन बनाया था. इसमें दुनियाभर के तमाम देश शामिल हैं. अब ठीक वैसी ही स्ट्रैटजी फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास से निपटने के लिए भी बनाई जा रही है.

क्या फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास को खत्म किया जा सकता है? इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू तो कह रहे हैं कि जब तक हमास खत्म नहीं हो जाता, तब तक जंग जारी रहेगी. 

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बेंजामिन नेतन्याहू कई बार हमास को इस्लामिक स्टेट से भी बदतर बता चुके हैं. मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में इजरायली विदेश मंत्री एली कोहेन ने भी कहा कि हमास इतिहास में आईएसआईएस से भी ज्यादा क्रूर है.

इसी बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों इजरायल पहुंचे. वहां उन्होंने हमास से निपटने का एक 'फॉर्मूला' दिया. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए जो अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बना था, उसका दायरा हमास तक बढ़ाया जाए.

जिस समय मैक्रों ये बात कह रहे थे, उसी समय उनके साथ इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूद थे. मैक्रों ने कहा कि फ्रांस और इजरायल आतंकवाद को अपना साझा दुश्मन मानते हैं.

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इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों.

क्या है वो अंतरराष्ट्रीय गठबंधन?

इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया की जब बर्बरता बढ़ने लगी, तो उससे लड़ने के लिए अमेरिका की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बना. 

इसमें अमेरिका के अलावा यूके, फ्रांस, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा और सऊदी अरब समेत 86 देश शामिल हैं. इनके अलावा नाटो और यूरोपियन यूनियन भी इसके सदस्य हैं.

ये गठबंधन 2014 में बना था. तब से ही ये इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ रहा है.

इस गठबंधन में शामिल सारे देश इस्लामिक स्टेट के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध हैं. ये सिर्फ इस्लामिक स्टेट से सैन्य तौर पर ही नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि उसकी फंडिंग और प्रोपेगेंडा को भी रोक रहे हैं.

इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में शामिल देश इराकी सेना को ट्रेनिंग भी देते हैं. ये आपस में जानकारियां साझा करते हैं और आतंकवाद की फंडिंग को भी रोकते हैं.

हमास से निपटने के लिए हो सकता है ऐसा?

जिस तरह से इस्लामिक स्टेट से निपटने के लिए स्ट्रैटजी अपनाई गई. अब वही स्ट्रैटजी हमास से निपटने के लिए बनाई जा रही है.

न्यूज एजेंसी ने बताया कि हमास से निपटने के लिए अमेरिका एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने की तैयारी कर रहा है. यूरोप से लेकर अरब देशों के साथ तक बैठक चल रही है.

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एक अमेरिकी शीर्ष अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अमेरिका का मकसद हमास की फंडिंग को टारगेट करने के लिए अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाना है.

अमेरिका के उप ट्रेजरी सचिव वैली एडेइमो ने न्यूज एजेंसी को बताया कि जिस रणनीति का इस्तेमाल इस्लामिक स्टेट का मुकाबला करने के लिए किया गया था, वही यहां इस्तेमाल करना है.

वित्तीय और खुफिया मामलों के ट्रेजरी अवर सचिव ब्रायल नेल्सन भी इस हफ्ते इसी सिलसिले में कतर और सऊदी अरब के दौरे पर जा रहे हैं.

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क्या खत्म हो गया है इस्लामिक स्टेट?

इस्लामिक स्टेट को दाएश, इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया एंड लेवांत जैसे नामों से भी जाना जाता है. ये आतंकी संगठन अल-कायदा से ही अलग होकर बना है. 

फरवरी 2014 तक अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट मिलकर ही काम करते थे. लेकिन बाद में अल-कायदा ने खुद को अलग कर लिया. उसी साल बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित कर दिया. 2014 में ही इस्लामिक स्टेट ने इराक और सीरिया में खिलाफत यानी खलीफा के शासन का ऐलान किया. इसके बाद ही इस्लामिक स्टेट दुनिया के सामने खुलकर सामने आया. 

अमेरिका के नेतृत्व में गठबंधन सेना ने 2017 में इराक और 2019 में सीरिया से इस्लामिक स्टेट के खात्मे का ऐलान किया. हालांकि, अभी भी इस आतंकी संगठन के स्लीपर सेल इराक और सीरिया में एक्टिव हैं.

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27 अक्टूबर 2019 को अमेरिका ने अबू बक्र अल-बगदादी के मारे जाने का ऐलान किया. अमेरिका ने बताया कि अमेरिकी सेना के ऑपरेशन के दौरान बगदादी ने खुद को उड़ा लिया. बगदादी के साथ ही उसकी पत्नी और बच्चे भी मारे गए थे. 

पिछले साल 3 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी के मारे जाने की बात कही थी. हालांकि, इस्लामिक स्टेट ने इसकी पुष्टि 10 मार्च को की. अबू इब्राहिम सीरिया के इदलिब प्रांत की एक बिल्डिंग में छिपा था. अमेरिकी सेना ने जब उसे घेर लिया तो बगदादी की तरह ही उसने भी खुद को बम से उड़ा लिया. इस धमाके में अबू इब्राहिम, उसकी पत्नी और दो बच्चों की भी मौत हो गई थी.

उसके बाद अबू अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी इस्लामिक स्टेट का मुखिया बना, जो पिछले साल दिसंबर में मारा गया. उसके बाद अबू अल-हुसैन अल-हुसैनी अल-कुरैशी को इस्लामिक स्टेट का मुखिया बनाया गया.

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