तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो 17 सालों से टीवी की दुनिया पर राज कर रहा है. लेकिन जब प्रोड्यूसर असित मोदी इसे बनाने की प्लानिंग कर रहे तब उनके कंसेप्ट को सुनकर कई लोगों ने खूब मजाक उड़ाया था. इसका जिक्र खुद असित ने किया. ये आइकॉनिक शो इस जुलाई में अपने 18वें साल में एंट्री करने जा रहा है. असित कहते हैं कि बदलते मनोरंजन जगत में रेलेवेंट बने रहना एक बड़ी चुनौती और जिम्मेदारी है.
17 साल से बिना लीप के चल रहा शो
असित ने कहा, “टीवी आज भी सफल है, लेकिन अब बहुत ज्यादा कॉम्पीटीशन है, सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स के आने से लोगों के पास मनोरंजन के कई ऑप्शन हैं. हमें लगातार नए-नए आइडिया सोचने पड़ते हैं, ताकि दर्शकों की रुचि बनी रहे.”
TOI से बातचीत में उन्होंने आगे कहा, ''पिछले 17 सालों में हमने बिना किसी लीप के शो को आगे बढ़ाया है. ये शो बड़ा इसलिए है, क्योंकि ये सिर्फ किरदारों पर नहीं, बल्कि समुदाय की भावना पर आधारित है. लोगों को लड़कर शो नहीं छोड़ना चाहिए- टीमवर्क ही इस शो की ताकत है.''
'कॉन्सेप्ट सुन हंसते थे लोग'
असित मोदी ने बताया कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा का विचार उन्हें तब आया जब वो भारत का पहला डेली कॉमेडी शो बनाना चाहते थे. उन्होंने कहा, “जब क्योंकि सास भी कभी बहू थी टीवी पर राज कर रहा था, तब मुझे लगा कि एक रोजाना आने वाली कॉमेडी की जरूरत है. उस समय लोग इस विचार पर हंसते थे, लेकिन आगे चलकर इतिहास बन गया.”
वो बताते हैं, “तारक मेहता कॉलम में हास्य और किरदार तो थे, लेकिन कोई तय कहानी नहीं थी. मैंने उससे प्रेरणा ली, उसमें अपनी कहानी जोड़कर शो बनाया.”
'आर्टिस्ट के क्विट करने पर बुरा लगता है'
इतने सालों में, तारक मेहता का उल्टा चश्मा भारत के सबसे चहेते पारिवारिक टीवी शोज में से एक बन गया है. ये शो गोकुलधाम सोसाइटी के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी और रिश्तों को दिखाता है.
असित मोदी कहते हैं, “ये शो किसी एक कलाकार का नहीं, बल्कि पूरे समाज और रिश्तों का है. ये एक एंसेंबल शो है जो समुदाय के साथ रहने की भावना को दर्शाता है. जब कोई कलाकार शो छोड़ता है, तो बुरा लगता है, लेकिन कहानी को रोचक बनाए रखना भी जरूरी है. दर्शक शो से प्यार करते हैं और हर दिन नया एपिसोड चाहते हैं.”
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