चमड़ी के रंग से बहुत कुछ तय करने वाली इस दुनिया में चीजें कितनी मुश्किल हैं, इसकी कहानियां अक्सर सामने आती रहती हैं. फैशन की दुनिया में तो ये समस्या और भी तगड़ी है. ब्रिटिश मॉडल नाओमी कैंपबेल का नाम आज भी एक पूरी जेनरेशन को अच्छे से याद है. 1997 में दुनिया की पहली ब्लैक सुपरमॉडल बनीं नाओमी, एक पूरी जेनरेशन की लड़कियों के लिए इंस्पिरेशन थीं. मगर दुनिया को दूसरी ब्लैक सुपरमॉडल मिलने में दो दशक से ज्यादा वक्त लग गया.
2019 में अनोक याई (Anok Yai) ने ये मुकाम हासिल किया था. मगर उनकी तस्वीरों से इतर, लोगों ने उनकी कहानी पर तब भी बहुत ध्यान नहीं दिया. अब अनोक ने फैशन की दुनिया में एक और बड़ा कमाल किया है. उनकी कहानी ना सिर्फ जीवटता की बड़ी कहानी है, बल्कि फैशन की दुनिया के शिखर पर उनका होना दुनिया के एक बड़े समुदाय के लिए एक इंस्पिरेशन है.
'मॉडल ऑफ द ईयर' बनीं अनोक याई
फैशन की दुनिया में इंडस्ट्री के स्ट्रक्चर, डिजाईन और ट्रेंड को तय करने वाले सबसे बड़े संगठनों में से एक है ब्रिटिश फैशन काउंसिल यानी BFC. लंदन फैशन वीक और मॉडल ऑफ द ईयर जैसे टॉप फैशन इवेंट्स BFC ही करवाती है. BFC फैशन की दुनिया में नई रिसर्च, नए आईडियाज और विविधता को प्रमोट करने के लिए कई प्रोग्राम चलाती है जिससे नए ट्रेंड शुरू होते हैं. शॉर्ट में, ये कहा जा सकता है कि यहां से किसी भी तरह का सम्मान या अवॉर्ड आपको फैशन की दुनिया का तुर्रम खां बना देता है.
इसी BFC ने अपने 2025 के फैशन अवॉर्ड्स में अनोक याई को 'मॉडल ऑफ द ईयर' चुना है. मॉडलिंग की दुनिया में ये अवॉर्ड, एक्टिंग में ऑस्कर अवॉर्ड मिलने जैसा कहा जा सकता है. मॉडलिंग की दुनिया का एक और टॉप ग्लोबल प्लेटफॉर्म है मॉडल्स डॉट कॉम. इसने 2023 में अनोक को, इंडस्ट्री और रीडर्स दोनों के वोट्स के आधार पर, 'मॉडल ऑफ द ईयर' चुना था. अनोक की ये अचीवमेंट्स केवल उनकी मॉडलिंग और खूबसूरती या उनके स्किन कलर की वजह से नहीं आई हैं. एक मॉडल के तौर पर वो दुनिया भर के विस्थापितों और प्रवासियों के लिए उम्मीद की एक कहानी भी हैं.
नरसंहार से बचकर अपने देश से भागे थे अनोक के पेरेंट्स
अनोक याई का परिवार मूल रूप से साउथ सूडान का रहने वाला है. दो सिविल वॉर देख चुके इस देश में हथियार और नरसंहार एक डार्क रियलिटी है. अनोक के पेरेंट्स ऐसे ही एक हिंसक दौर से बचकर साउथ सूडान से भागे थे और पहले इजिप्ट पहुंचे थे. वहां कायरो में, 1997 में अनोक का जन्म हुआ था. कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में अनोक ने बताया था कि उनके बहुत से रिश्तेदार उस दौर में या तो साउथ सूडान में मारे गए. या तो आज वो दुनिया भर में अलग-अलग जगह प्रवासी हैं.
बेहतर काम की तलाश में अनोक के पेरेंट्स पहले न्यूयॉर्क गए. लेकिन न्यू हैम्पशायर में प्रवासियों के लिए बेहतर सुविधाएं थीं, तो फिर उधर निकल गए. फोर्ब्स को एक इंटरव्यू में अनोक ने बताया था, 'हमें गवर्नमेंट ने घर दिए और सपोर्ट किया. अगर ये सपोर्ट नहीं मिलता तो पता नहीं हम कहां होते. मेरे पेरेंट्स खुशकिस्मत थे कि उन्हें नौकरियां मिल गईं. मगर वो बच्चों के साथ यूएस आए थे और 12-16 घंटे काम करते थे. इसका मतलब था कि हम बच्चों को इंडीपेंडेंट होना सीखना पड़ा. मतलब उन्होंने मेरी बड़ी बहन और मुझे बड़ा किया, और हमने अपने छोटे-भाई बहनों को संभाला.'
अनोक आज भी सोशल मीडिया के जरिए अपने रिश्तेदारों और परिवार के लोगों को खोजती रहती हैं. अब वो बड़ी हस्ती बन गई हैं तो अक्सर उनके साथ होता है कि साउथ सूडान, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप या इजिप्ट से कोई उनके बचपन के फोटोज भेजकर बताता है कि वो उनके परिवार से हैं.
अनोक को उनके स्किन कलर के लिए यूएस के स्कूलों में बहुत बुली किया गया. मगर उन्होंने ये सब बर्दाश्त करना सीख लिया था. उन्होंने इंग्लिश सीखी ताकि पढ़ाई कर सकें, अपना और अपने छोटे भाई-बहनों का ध्यान रख सकें. उनकी मां नर्स हैं और पिता जरूरतमंदों की मदद करने वाले एक संगठन के लिए काम करते हैं. अनोक ने बचपन में ही तय कर लिया था कि वो डॉक्टर बनने के लिए पढ़ेंगी. इसलिए वो बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई कर रही थीं. इरादा ये था कि हॉस्पिटल में काम करेंगी और एमडी की डिग्री लेंगी. मगर तभी उनके साथ एक कमाल का संयोग हो गया.
एक्सीडेंटली दुनिया भर में छा गई अनोक की तस्वीर
एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं स्टीव 'द संक'. वो 2017 में हावर्ड यूनिवर्सिटी के होमकमिंग वीक सेलेब्रेशन में पहुंचे हुए थे. स्टीव ने वहां अनोक को स्पॉट किया और उनकी खूबसूरती देखकर स्तब्ध रह गए. अनोक के सामने एक झटके में सवाल गिरा— 'क्या मैं आपकी तस्वीर ले सकता हूं?' उन्होंने गर्दन हिलाई और अगले ही पल, कुछ क्लिक्स के साथ वो स्टीव के कैमरे में कैद थीं.
स्टीव ने कैमरे से वो तस्वीरें निकालीं और इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'एक हीरा डिस्कवर किया है.' साथ में उन्होंने अनोक को भी टैग कर दिया. अगले कुछ दिनों में अनोक के पास मॉडलिंग एजेंसियों के कॉल लाइन से आने लगे थे. इसमें दुनिया की कुछ सबसे बड़ी एजेंसीज भी शामिल थीं.
स्टीव के उस फोटो के चार महीने बाद जो हुआ, वो इतिहास में इससे पहले सिर्फ एक और बार हुआ था. नाओमी कैंपबेल के साथ, 1997 में. 2018 में अनोक याई वो दूसरी ब्लैक मॉडल थीं, जिसने टॉप फैशन ब्रांड प्राडा का फैशन शो ओपन किया. मॉडलिंग की दुनिया में, प्राडा के लिए शो ओपन करना, किसी मॉडल के लिए सबसे बड़ा मुकाम है.
कुछ महीनों पहले तक, सूडान की एक प्रवासी लड़की, जो बायोकेमिस्ट्री स्टूडेंट थी... अब प्राडा की मॉडल थी. अगले कुछ सालों तक दुनिया की हर एजेंसी, हर ब्रांड को अनोक की तलाश थी. और 2022 में जब जानेमाने टॉप ब्रांड W ने उन्हें कवर पर जगह दी, तो पहली बार उन्हें ऑफिशियली सुपरमॉडल भी घोषित कर दिया.
बाद में अनोक ने फोर्ब्स को बताया कि जब उनके साथ ये सब हो रहा था तो वो बड़े आराम से वन टाइम सेनसेशन बनकर, बाद में गायब हो सकती थीं. और बहुत सारे लोगों को उनसे उम्मीद भी यही थी. लेकिन उन्होंने तय किया कि वो एक 'पावरहाउस' बनेंगी. मॉडल बनने का मतलब था कि उन्हें एक बिजनेस हैंडल करना होगा, जहां वही बिजनेस हैं. और इस बिजनेस को उन्होंने ऐसा संभाला कि आज वो प्रवासी समुदाय, डार्क स्किन वाली लड़कियों के लिए एक आइकॉन हैं.
उन्होंने कहा, 'मेरे जैसा होना लोगों को मेरे प्रति आकर्षित करता है. मेरे क्रिएटिव और बिजनेस डिसीजन इस आकर्षण को चलाने वाली फ़ोर्स हैं' 2025 में BFC का अनोक को 'मॉडल ऑफ द ईयर' घोषित करना, अनोक को उस मुकाम पर पहुंचाता है जो फैशन की दुनिया का शिखर है. यहां अनोक सिर्फ एक मॉडल नहीं हैं. यहां वो दुनिया की डाइवर्सिटी, प्रवासियों की जीवटता और उम्मीद का एक चेहरा हैं.
सुबोध मिश्रा