जब 'टाइटैनिक' को डूबता देखने के लिए तैयार था हॉलीवुड, हुई फ्लॉप की भविष्यवाणी... एक ट्रेलर ने बदली कहानी

'टाइटैनिक' सिर्फ एक फिल्म भर नहीं है बल्कि फिल्ममेकिंग की आर्ट का एक शानदार नमूना भी है. 11 ऑस्कर्स जीतने वाली, बॉक्स ऑफिस पर पहली बार एक बिलियन डॉलर से ज्यादा कमाने वाली इस फिल्म को कभी रिलीज से पहले ही फ्लॉप बता दिया गया था. फिर कैसे बदली इसकी तकदीर?

Advertisement
'टाइटैनिक' को रिलीज से पहले ही कह दिया गया था फ्लॉप, ऐसे बदली कहानी (Photo: IMDB) 'टाइटैनिक' को रिलीज से पहले ही कह दिया गया था फ्लॉप, ऐसे बदली कहानी (Photo: IMDB)

सुबोध मिश्रा

  • नई दिल्ली ,
  • 16 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:21 PM IST

दुनिया भर के सिनेमा में आइकॉनिक लव स्टोरीज की कोई कमी नहीं है. एक ढूंढो, चार मिलती हैं. मगर शायद ही कोई फिल्म 'टाइटैनिक' (1997) को टक्कर दे सके. स्क्रीन पर तो इस फिल्म का मैजिक दुनिया ने देखा ही है. मगर लियोनार्डो डी'कैप्रियो और केट विंसलेट जब कागज पर थी, तभी इसकी नियति तय थी. शायद इसीलिए डायरेक्टर जेम्स कैमरून ने स्टूडियो के सामने जब पहली बार इसकी स्क्रिप्ट रखी तो इसे 'रोमियो एंड जूलिएट ऑन टाइटैनिक' कहा था. 

Advertisement

'टाइटैनिक' की पॉपुलैरिटी कैसी थी, इसे यूं समझिए कि इतिहास में ये पहली फिल्म थी जिसने एक बिलियन डॉलर का बिजनेस किया था. 2010 में जेम्स कैमरून की ही फिल्म 'अवतार' से पिछड़ने से पहले तक, ये दुनिया की सबसे कमाऊ फिल्म रही. लगभग दो दशकों तक. बात सिर्फ बिजनेस की ही नहीं है. 'टाइटैनिक' की शानदार फिल्ममेकिंग के गवाह इसे मिले 11 ऑस्कर अवॉर्ड भी हैं. दो और फिल्मों के साथ, ये एक फिल्म को मिले सबसे ज्यादा ऑस्कर्स का रिकॉर्ड भी है. 

हर शानदार फिल्म का सफर, उसके ट्रेलर से शुरू होता है. मगर 'टाइटैनिक' के मामले में तो ट्रेलर ही उम्मीद की पहली किरण बनकर आया था. ट्रेलर देखने के बाद ही लोगों को इस फिल्म से कुछ उम्मीदें बनी थीं. वरना 'टाइटैनिक' की पहली झलक सामने आने से पहले तो इसके फ्लॉप होने की भविष्यवाणियां होने लगी थीं. 

Advertisement

क्यों रिलीज से पहले ही फ्लॉप मान ली गई 'टाइटैनिक'?
'टाइटैनिक' 1912 में आइकॉनिक जहाज, आरएमएस टाइटैनिक के डूबने की रियल घटना पर बेस्ड काल्पनिक लव स्टोरी थी. मगर शायद इसकी मेकिंग पर भी उस भयानक हादसे का कोई साया सा मंडरा रहा था, जिसमें करीब 1500 से ज्यादा लोग मारे गए थे. 

1995 में 'टाइटैनिक' का प्रोडक्शन शुरू हुआ था. मगर इससे करीब 15 साल पहले ही टाइटैनिक के डूबने पर बनी एक फिल्म 'Raise The Titanic' बुरी तरह फ्लॉप हो चुकी थी. 40 मिलियन डॉलर के बजट में बनी इस फिल्म ने मात्र 7 मिलियन डॉलर का बिजनेस किया था. ऐसे में टाइटैनिक की कहानी को पहले ही रिस्क की नजर से देखा जा रहा था. 

जब डायरेक्टर जेम्स कैमरून ने 20th Century Fox स्टूडियो को अपनी फिल्म पिच की, तो उन्हें भी यकीन नहीं था कि ये कामयाब हो सकती है. मगर वे कैमरून के साथ आगे भी रिश्ते अच्छे रखना चाहते थे इसलिए किसी तरह राजी हो गए. इसके लिए 110 मिलियन डॉलर का सॉलिड बजट भी दिया, जो उस दौर में बहुत बड़ी बात थी. मगर कैमरून का प्लान उन्हें बाद में समझ आया, जब वो पहले असली टाइटैनिक का मलबा शूट करने पहुंच गए. फिर उन्होंने टाइटैनिक का रियल लाइफ सेट बनवा दिया. 

Advertisement
'टाइटैनिक' से पहले बड़े स्टार नहीं थे लियोनार्डो डिकैप्रियो और केट विंसलेट (Photo: IMDB)

सेट्स पर इतनी डिटेल्स कि उन्हें तैयार करने में खर्च बढ़ता चला गया. आखिरकार एक वक्त ऐसा आया जब बजट कम पड़ने लगा और फिल्म अभी पूरी होने के आसपास भी नहीं थी. फिर फॉक्स को हॉलीवुड के एक और बड़े स्टूडियो, पैरामाउंट से हेल्प लेनी पड़ी. फाइनली पांच साल में जब फिल्म पूरी हुई तो इसका बजट था 200 मिलियन डॉलर. उस समय तक दुनिया में इतनी महंगी फिल्म बनी ही नहीं थी.  

जब तक 'टाइटैनिक' शूट होती रही, सेट्स से हादसों की खबरें भी आती ही रहीं. फिल्म के लीड एक्टर्स, लियोनार्डो डी'कैप्रियो और केट विंसलेट तबतक इतने बड़े स्टार ही नहीं थे कि उनके भरोसे इतना बड़ा बजट रिकवर करने की उम्मीद हो. कुल मिलाकर माहौल ऐसा बन गया था कि रिलीज से पहले खुद प्रोडक्शन के कई लोगों ने मान लिया था कि ये तो फ्लॉप होगी. 

पिछले साल दुनिया को अलविदा कह चुके 'टाइटैनिक' के प्रोड्यूसर जॉन लेंडाऊ ने, अपनी फिल्मों की बिहाइंड द सीन्स कहानियों को एक संस्मरण में संजोया था. उनकी ये बुक 'द बिगर पिक्चर' नवंबर में पब्लिश होने वाली है. वैरायटी ने इसका एक हिस्सा छापा है, जिसमें जॉन ने 'टाइटैनिक' के बनने की मुश्किलें बताई हैं. जॉन बताते हैं कि टाइम मैगजीन ने 'टाइटैनिक' पर एक कवर स्टोरी चलाई थी, जिसकी कवर लाइन थी— 'ग्लब, ग्लब, ग्लब...'. एक बड़े जहाज के डूबने की आवाज!  

Advertisement

ट्रेलर आने के बाद बदल गई 'टाइटैनिक' की तकदीर
तैयार होने के बाद 'टाइटैनिक' लगभग सवा तीन घंटे की फिल्म बनी. फिल्म खास थी, तो ट्रेलर भी खास होना चाहिए था. उस दौर में ट्रेलर्स की स्टैंडर्ड लंबाई 90 सेकंड हुआ करती थी. मोशन पिक्चर एकेडमी ने ट्रेलर्स के लिए मैक्सिमम लंबाई 150 सेकंड तय की थी. मगर कैमरून एंड टीम ने अपनी फिल्म की झलक बेस्ट तरीके से दिखाने वाला जो ट्रेलर तैयार किया, वो चार मिनट और दो सेकंड लंबा था. ये ट्रेलर देखकर पैरामाउंट स्टूडियो के डिस्ट्रीब्यूशन हेड ने ऐसा रिस्पॉन्स दिया कि प्रोड्यूसर जॉन लेंडाऊ का दिल ही टूट गया.

'टाइटैनिक' के बिहाइंड द सीन्स किस्सों पर प्रोड्यूसर जॉन लेंडाऊ ने लिखी है किताब (Photo: IMDB)

पैरामाउंट ने खुद एक ट्रेलर तैयार करवाया, जो 150 सेकंड का था. मगर उसमें जिस तरह के शार्प कट्स, गोली की आवाज और म्यूजिक सेट किया गया, उससे लग रहा था कि ये एक्शन फिल्म है. कैमरून और टीम ने स्टूडियो को बहुत मनाया, कि ये ट्रेलर उनकी फिल्म को सही से रिप्रेजेंट नहीं कर रहा. बात नहीं बनी, तो लड़ाई भी की. आखिरकार उन्होंने पैरामाउंट के सीईओ को एक शर्त पर राजी किया. शर्त ये थी कि लास वेगास में, थिएटर मालिकों की नेशनल कांफ्रेंस, शोवेस्ट में ये लंबा ट्रेलर टेस्ट कर लिया जाए. रिस्पॉन्स नेगेटिव आया तो वो स्टूडियो की बात मान लेंगे. 

Advertisement

जॉन अपनी किताब में बताते हैं कि शोवेस्ट में उनके साथ पैरामाउंट के एग्जीक्यूटिव रे सान्चिनी थे. साथ में स्टूडियो के कुछ दूसरे बड़े अधिकारी और सेलेब्रिटी भी थे, जिसमें हॉलीवुड स्टार कर्ट रसेल भी शामिल थे. ट्रेलर चलाया गया, जॉन नर्वस होने लगे. चार मिनट दो सेकंड बाद जब ट्रेलर खत्म हुआ, तो कर्ट ने घोषणा करने के अंदाज में कहा, 'मैं सिर्फ ये ट्रेलर देखने के लिए दस डॉलर खर्च कर सकता हूं.' 

दस डॉलर यानी 90s में यूएस के प्रीमियम थिएटर्स का टिकट प्राइस. तब वहां एवरेज टिकट प्राइस पांच डॉलर के आसपास होता था. इसके साथ ही मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन ने 'टाइटैनिक' के ट्रेलर के लिए अपनी 150 सेकंड की लिमिट भी हटा दी. ट्रेलर रिलीज हुआ, लोगों ने फिल्म की झलक देखी, मीडिया ने भी. 

'टाइटैनिक' के असाधारण बजट और मेकिंग की मुश्किलों पर नेगेटिव आर्टिकल आने तो तब भी बंद नहीं हुए. मगर ट्रेलर पॉपुलर होने के बाद कम से कम ये आर्टिकल इस बात पर खत्म होने लगे कि 'टाइटैनिक' शायद एक शानदार फिल्म हो सकती है. इस ट्रेलर ने जो माहौल बनाया उसका असर प्रीमियर शोज में जुटी अच्छी खासी भीड़ की शक्ल में नजर आया. और फिल्म देखने के बाद सेलेब्रिटीज, फिल्म क्रिटिक्स और पब्लिक ने जो 'टाइटैनिक' राग गाया... वो आज भी जारी है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement