सुपरस्टार सलमान खान की सबसे पॉपुलर फिल्मों में से एक 'तेरे नाम' (2003) सिर्फ उनके आइकॉनिक हेयरस्टाइल की वजह से ही यादगार नहीं थी. इसे जानदार बनाने वाला एक बड़ा फैक्टर थे इसके बेहतरीन गाने. 'तेरे नाम' के गानों का क्रेज ऐसा था कि अगर किसी ने ये फिल्म नहीं भी देखी है तब भी उसने इसके गाने जरूर सुने होंगे. इस फिल्म के म्यूजिक एल्बम में 'लगन लगी', 'ओढ़नी' और 'तुमसे मिलना' जैसे कई यादगार गाने थे. मगर फिल्म का टाइटल ट्रैक अपने आप में इस एल्बम के किसी भी गाने की पॉपुलैरिटी को टक्कर देता है.
ये सिर्फ एक पॉपुलर गाना ही नहीं था बल्कि 'तेरे नाम' का मूड और कहानी सेट करने में भी इस गाने का बड़ा योगदान था. इस गाने के तीन अलग-अलग वर्जन फिल्म में अलग-अलग मौकों पर कहानी को वजन देते हैं. 'तेरे नाम' के लिए म्यूजिक कंपोजर हिमेश रेशमिया और बॉलीवुड के सबसे पॉपुलर गीतकारों में से एक समीर ने पहली बार साथ काम किया था.
इस जोड़ी ने हिंदी फिल्मों का एक आइकॉनिक म्यूजिक एल्बम डिलीवर किया था और इसके बाद दोनों ने कई और प्रोजेक्ट्स पर भी काम किया. लेकिन ये जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि अगर समीर का बस चलता तो वो कभी हिमेश के साथ काम ही नहीं करते और बॉलीवुड म्यूजिक फैन्स को 'तेरे नाम' जैसा आइकॉनिक म्यूजिक एल्बम कभी नहीं मिलता.
शुक्र है कि सलमान की फिल्म डायरेक्ट कर रहे सतीश कौशिक ने समीर को इमोशनली ब्लैकमेल करके उन्हें हिमेश के साथ काम करने के लिए मना लिया. आइए बताते हैं पूरा किस्सा...
इस वजह से हिमेश के साथ काम नहीं करना चाहते थे समीर
सतीश कौशिक ने 'तेरे नाम' की कास्टिंग में कई दिक्कतों का सामना किया था. शाहरुख खान, आमिर खान जैसे एक्टर्स की रिजेक्ट की हुई इस फिल्म के लिए फाइनली सलमान खान तैयार हुए और फिल्म पर काम शुरू हुआ. जब 'तेरे नाम' के म्यूजिक की बारी आई तो सतीश ने हिमेश रेशमिया पर भरोसा दिखाया जो सलमान खान के साथ 'प्यार किया तो डरना क्या', 'बंधन' और 'हेलो ब्रदर' जैसी फिल्मों पर काम कर चुके थे. 90s के दौर से बाहर निकल रहा हिंदी फिल्म म्यूजिक अभी नई सदी के शुरुआती सालों में ही था और हिमेश के गानों में एक नयापन था. इसलिए सतीश ने हिमेश का नाम म्यूजिक कंपोज करने के लिए फाइनल कर लिया था.
गानों के लिरिक्स लिखवाने के लिए सतीश ने अपने दोस्त समीर को कॉल किया. उन्होंने समीर को बताया कि वो गाने हिमेश से कंपोज करवाना चाहते हैं और चाहते हैं कि लिरिक्स वो लिखें. लिरिक्स बाय समीर किताब में समीर बताते हैं कि उन्होंने सतीश को जवाब देते हुए कहा, 'ये फिल्म तुम्हारी है और तुम्हें ये चुनने का पूरा हक है कि तुम्हें किसके साथ काम करना है. लेकिन मैं हिमेश के साथ काम नहीं कर सकता.'
दरअसल, हिमेश के स्वभाव को लेकर समीर ने इंडस्ट्री में काफी बातें सुनी थीं और उनमें से अधिकतर नेगेटिव थीं. हालांकि, उन्होंने खुद कभी हिमेश एक साथ काम नहीं किया था. उन्होंने सतीश से कहा, 'जिस तरह की उनकी पर्सनालिटी है और जैसे एटिट्यूड के साथ वो रहते हैं, मुझे नहीं लगता कि हमारा साथ चलेगा. और सबसे बड़ी बात ये है कि मैं तुम्हारी इस महत्वाकांक्षी फिल्म को किसी विवाद के चलते फंसते नहीं देखना चाहता.'
सतीश ने इस तरह समीर को किया राजी
इस बीच समीर 'राज' (2002) के गानों पर काम करने के लिए म्यूजिक डायरेक्टर जोड़ी नदीम-श्रवण के साथ लंदन भी चले गए. उन्होंने अपने दिमाग में ये तय कर लिया था कि चाहे जो हो जाए, हिमेश के साथ काम नहीं करेंगे. मगर सतीश भी अपनी तरफ जिद पर अड़े हुए थे. उन्होंने समीर को मैसेज भेजा- 'डियर समीर, अगर तुम मेरी फिल्म के गाने नहीं लिखोगे तो मैं भी डायरेक्टर के तौर पर ये फिल्म छोड़ दूंगा.'
सतीश ने अपनी तरफ से इक्का निकाल लिया था और इस इमोशनल ब्लैकमेल करने वाले मैसेज के आगे समीर को अपनी जिद छोड़नी पड़ी. उन्होंने 'तेरे नाम' पर काम शुरू किया और फिल्म के मुहूर्त के लिए सतीश को पहला गाना लंदन से ही लिखकर भेजा जो एक भजन था. फिल्म में भूमिका चावला ये भजन गाती नजर आई थीं जिसका नाम था 'मन बसिया'.
लंदन से आने के बाद सतीश ने 'तेरे नाम' के म्यूजिक के लिए पहली सिटिंग रखी जिसमें हिमेश भी थे. समीर बताते हैं, 'मैंने जैसा सोचा था उससे एकदम अलग हिमेश को देखकर सरप्राइज हो गया. उन्होंने बड़ी विनम्रता से मुझे ग्रीट किया और बहुत अच्छे आदमी लगे. उनके सरल अंदाज ने उनके बारे में बने मेरे सारे पूर्वाग्रह तोड़ दिए और हम तुरंत कनेक्ट करने लगे.' इस सिटिंग में ही म्यूजिक डिस्कस करते हुए समीर ने फिल्म के टाइटल गीत के लिरिक्स लिखे- 'तेरे नाम हमने किया है जीवन अपना सारा सनम.'
'तेरे नाम' में हिमेश के साथ मिलकर समीर ने जो गाने तैयार किए वो बहुत हिट हुए और हर तरफ इनकी जमकर तारीफ हुई. इस फिल्म के बाद फिर समीर ने खुद से एक वादा भी किया. वो बताते हैं, 'मैंने खुद से वादा किया कि भविष्य में कभी किसी को खुद ठीक से जाने बिना उसके बारे में कोई धारणा नहीं बनाऊंगा.'
सुबोध मिश्रा