बॉलीवुड के आइकॉनिक लिरिक्स राइटर गुलजार ने ऐसे तमाम गीत लिखे हैं जो हिंदी फिल्म म्यूजिक में आइकॉनिक बन चुके हैं. 60 सालों से से हिंदी फिल्मों में गीत लिख रहे गुलजार की इससे बड़ी पहचान क्या होगी कि एक तरफ तो उनका लिखा 'हमको मन की शक्ति देना' स्कूलों में प्रार्थना की तरह इस्तेमाल होता है. दूसरी तरफ सबसे यादगार ब्रेकअप गानों की लिस्ट गुलजार के लिखे 'मेरा कुछ सामान' के बिना पूरी ही नहीं हो सकती.
गुलजार के बारे में यहां तक कहा जा सकता है कि एक इंसान ने अपने जीवन में इमोशंस की जितनी रेंज महसूस की होगी, उन सब इमोशंस के लिए आपको उनका लिखा एक गीत मिल जाएगा. और ये भी संभावना है कि उनके लिखे हुए में उस इमोशन का गीत भी हो, जो शायद आपने कभी महसूस भी ना किया हो! गुलजार के लिखे लिरिक्स की ये जादूगरी सिर्फ रेगुलर फिल्मी गानों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने ऐसे गीत भी लिखे हैं जो फिल्मों में बतौर आइटम नंबर इस्तेमाल हुए.
उनके लिखे ऐसे गानों की बात शुरू होते ही लोगों को झट से 'बंटी और बबली' (2005) फिल्म का 'कजरारे' याद आ जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये शब्द 'कजरारे' जिसे बोलते ही ऐश्वर्या राय याद आ जाती हैं, वो असल में गुलजार साहब के लिखे हुए नहीं हैं? क्या आप जानते हैं कि गुलजार ने एक और 'कजरा रे' गीत लिखा है? आइए बताते हैं पूरा माजरा क्या है...
गुलजार का लिखा पहला 'कजरारे' गीत
'बंटी और बबली' के गाने लिखने वाले गुलजार ने 'कजरारे' से शुरू होने वाला एक और गाना, इस फिल्म से दो साल पहले लिखा था. ये फिल्म थी 2003 में आई 'चुपके से'. आज ये फिल्म शायद ही किसी को याद हो. इसके लीड एक्टर्स जुल्फी सईद और मसुमेह मखीजा को भी कुछ खास कामयाबी नहीं मिली.
'चुपके से' के गाने भी आज शायद ही किसी को याद हों जबकि ये जानकर आप हैरान होंगे कि ये गाने लिखे थे गुलजार ने और इन्हें कंपोज किया था विशाल भारद्वाज ने. एक ऐसी जोड़ी ने ये गाने बनाए थे जिन्होंने बॉलीवुड को 'माचिस' जैसा आइकॉनिक म्यूजिक एल्बम दिया है. 'चुपके से' में ही गुलजार ने एक गाना लिखा था 'कजरारे नैना वाले, नैना तेरे चंबल दे लुटेरे.' ये गाना गाया था दलेर मेहंदी ने. आज ये गाना और ये फिल्म दोनों गुमनाम से हो चुके हैं.
'कजरारे' के ऑरिजिनल क्रिएटर
जिया जले किताब में राइटर नसरीन मुन्नी कबीर से बात करते हुए गुलजार ने 'बंटी और बबली' के 'कजरारे' गाने की कहानी बताई थी. इस बातचीत में उन्होंने बताया था कि शंकर-एहसान-लॉय तिकड़ी के शंकर महादेवन लिरिक्स को धुनों में पिरोने के उस्ताद हैं. इतना ही नहीं, वो कई बार अपनी कंपोज की हुई धुनों पर बड़े मजेदार डमी लिरिक्स भी लिख डालते हैं. जैसे- 'तू दिल मेरा लेजा मैं चप्पल पहनकर आई.'
गुलजार ने बताया कि शंकर ने उन्हें गाने की ट्यून और डमी लिरिक्स देते हुए कहा, 'गुलजार साहब, सारे डमी शब्द बदल दीजिए सिर्फ 'कजरारे' मत बदलिएगा.' ऐसा इसलिए क्योंकि गुलजार पहले ही 'कजरारे' से शुरू होने वाला एक गाना लिख चुके थे और किसी भी अच्छे गीतकार की तरह पूरा चांस था कि गुलजार नए गाने में पहले इस्तेमाल हुए ये शब्द जोड़ने से बचते. मगर शंकर ने गुलजार को ये शब्द ना बदलने के लिए ऐसी वजह दी कि फिर उन्होंने इन्हें ना बदलना ही ठीक समझा.
किताब में गुलजार बताते हैं कि शंकर ने उन्हें कहा, 'गुलजार साहब, आज सुबह जब मैं शावर ले रहा था, मैं ये शब्द 'कजरारे' गाने से खुद को रोक ही नहीं पा रहा था. मैं अपने दिमाग से ये शब्द निकाल ही नहीं पा रहा था. प्लीज इन्हें गाने में रखिएगा.'
गुलजार ने उन्हें कहा, 'आपने शावर ले लिया और आप बहुत फ्रेश भी लग रहे हैं, तो मैं यही शब्द इस्तेमाल कर लूंगा.' इस तरह गुलजार ने अपने एक पुराने गाने की शुरुआत में इस्तेमाल हो चुके 'कजरारे' शब्द से नए गाने की शुरुआत की और फिर इस गाने में आंखों के कमाल और उनके असर को पूरी तरह उतार कर रख दिया.
हालांकि, गुलजार इस गाने के हिट होने का क्रेडिट अपने बेहतरीन लिरिक्स को नहीं बल्कि एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय को देते हैं, जिनपर ये गाना फिल्माया गया था. वो कहते हैं, 'इसकी पूरी कामयाबी के लिए सिर्फ ऐश्वर्या जिम्मेदार हैं. पूरे देश में लोग सिर्फ ऐश्वर्या को डांस करते देखने के लिए ये फिल्म देखने जा रहे थे.'
सुबोध मिश्रा